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अस्पताल से निगरानी शुदा बदमाश फरार, एक पुलिसकर्मी लाइन अटैच
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। कटनी में पेशी के बाद वापस ले जा रहे कुख्यात बदमाश के चलती ट्रेन से भागने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि जबलपुर में अस्पताल से एक और हिस्ट्रीशीटर फरार हो गया। मामले में हिस्ट्रीशीटर की निगरानी के लिए तैनात सिपाही पुरुषोत्तम शुक्ला को लापरवाही के लिए लाइन अटैच कर दिया गया है। वहीं कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी ने इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
गौरतलब है कि बुधवार रात को क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक राजवीर सिंह, आरक्षक सादिक, रशीद, महेन्द्र, भूपेन्द्र और बीरबल ने हिस्ट्रीशीटर आकाश ग्रावकर को गोली मार दी थी। आकाश ने क्राइम ब्रांच के सिपाहियों पर उसे गोली मारने का आरोप लगाया था। इसके बाद उससे 2 लाख रुपए लूट लिए थे। घायल आकाश का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। अचानक शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब हिस्ट्रीशीटर आकाश ग्रावकर अस्पताल से भाग निकला। सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी आरके मालवीय अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने सबसे पहले अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। जांच में पता कि आकाश तीन युवकों के साथ अस्पताल से बाहर जा रहा है।
अस्पताल में मौजूद आकाश की बहन और पत्नी से भी पुलिस ने पूछताछ की। उन्होंने बताया कि आकाश इलाज कराने नागपुर गया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि उन्होंने आकाश को डिस्चार्ज नहीं किया है। इस मामले में आकाश की निगरानी के लिए तैनात कोतवाली थाना आरक्षक पुरुषोत्तम शुक्ला को लाइन अटैच कर दिया गया है।बता दें कि आकाश पर गोली चलाने के मामले में एसपी शशिकांत शुक्ला ने क्राइम ब्रांच के 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। आरक्षक सादिक एवं अन्य तीन के खिलाफ धारा 307, 34 और एससी-एसटी एक्ट का प्रकरण भी दर्ज किया गया था।
SDM अंशुल गुप्ता करेंगे जांच
कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने कोतवाली थानांतर्गत चेरीताल पारिजात बिल्डिंग के पास क्राइम ब्राांच के सिपाहियों के आकाश ग्रावकर पर किए गए फायरिंग की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। चौधरी ने मजिस्ट्रियल जांच के लिए एसडीएम कोतवाली अंशुल गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। मजिस्ट्रियल जांच 6 बिंदुओं पर की जाएगी। जांच अधिकारी को एक माह के भीतर जांच पूरी कर प्रतिवेदन सौंपने के निर्देश जिलादण्डाधिकारी ने दिए हैं।
जिला दण्डाधिकारी ने तय किए बिंदु
क्या उक्त घटना से बचा जा सकता था
क्या फरियादी पुराना निगरानी शुदा बदमाश है।
पारिजात बिल्डिंग के पास ऐसा क्या हुआ जिससे आरक्षक ने आरोपी पर फायरिंग की।
क्या आरोपी एवं आरक्षकों के बीच झड़प अथवा विवाद हुआ, जिसके दौरान आरोपी को आरक्षकों ने गोली मारी।
भूपेन्द्र का हो चुका था तबादला
जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि हिस्ट्रीशीटर को गोली मारने में मुख्य भूमिका निभाने वाले आरक्षक भूपेन्द्र का चार दिन पहले कोतवाली थाने में ट्रांसफर हो गया था। इसके बाद भी वह क्राइम ब्रांच में ही जमा हुआ था। भूपेन्द्र के खिलाफ एक माह पहले एसपी से घमापुर निवासी एक व्यक्ति ने अवैध वसूली की शिकायत की थी, जिसकी जांच चल रही है। मार्च महीने में क्राइम ब्रांच के एसआई सतीश डोंगरे के साथ चार पुलिसकर्मी इटारसी में एक आरोपी को पकड़ने गए थे। जैसे ही क्राइम ब्रांच ने आरोपी को पकड़ा तो पुलिस मुख्यालय में शिकायत हो गई। शिकायत की जांच के बाद पता चला कि क्राइम ब्रांच के एसआई और सिपाही बिना वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिए इटारसी चले गए थे। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक एमएस सिकरवार ने चारों को निलंबित कर दिया था।
Created On :   9 Sep 2017 3:24 AM GMT