ट्रांसजेंडर्स की पहचान परिभाषित करनेवाला विधेयक लोकसभा में पारित

The bill defining the identity of transgenders passed in the Lok Sabha
ट्रांसजेंडर्स की पहचान परिभाषित करनेवाला विधेयक लोकसभा में पारित
ट्रांसजेंडर्स की पहचान परिभाषित करनेवाला विधेयक लोकसभा में पारित
हाईलाइट
  • इस दौरान सदन में विपक्षी दलों द्वारा जम्मू और कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए अप्रत्याशित प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चलता रहा
  • ट्रांसजेंडर्स की पहचान को परिभाषित करने और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए एक विधेयक लोकसभा में सोमवार को पारित हो गया
नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। ट्रांसजेंडर्स की पहचान को परिभाषित करने और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए एक विधेयक लोकसभा में सोमवार को पारित हो गया। इस दौरान सदन में विपक्षी दलों द्वारा जम्मू और कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए अप्रत्याशित प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चलता रहा।

ट्रांसजेंडर्स पर्सन्स (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 को पारित करने के लिए सरकार की ओर से तर्क देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि मसौदा विधेयक ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्यधारा में लाएगा।

यह विधेयक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ किसी भी प्रकार के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है, जिसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधा, सामान, सुविधा, जनता के लिए उपलब्ध अवसर, आंदोलन का अधिकार, संपत्ति को खरीदने या किराए पर लेने का अधिकार, सार्वजनिक या निजी पद पाने के अवसर, सरकारी या निजी संस्थाओं की ट्रांसजेंडर द्वारा देखभाल शामिल है।

यह सरकार के साथ-साथ निजी संस्थाओं को भी रोजगार के मामलों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ भेदभाव करने से रोकती है, जिसमें भर्ती और पदोन्नति भी शामिल है और यह कि हर प्रतिष्ठान को अधिनियम के संबंध में शिकायतों से निपटने के लिए एक व्यक्ति को एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता होती है।

यह विधेयक हर ट्रांसजेंडर को अपने घर में रहने और किसी को रखने का अधिकार रखने की सुविधा भी देता है।

विधेयक में उल्लेख किया गया है कि अगर ट्रांसजेंडर का परिवार उसकी देखभाल करने में असमर्थ है तो सक्षम न्यायालय के आदेश पर उसे पुनर्वास केंद्र में रखा जा सकता है।

--आईएएनएस

Created On :   5 Aug 2019 10:00 PM IST

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