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नवरात्रि 2018: कोराडी महालक्ष्मी जगदंबा मंदिर में मां जगदंबा के तीनों रूपों के होंगे दर्शन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 10 अक्टूबर 2018 से नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है। इस पर्व को देशभर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर नागपुर स्थित कोराड़ी श्री महालक्ष्मी जगदंबा मंदिर में मां के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। इस नवरात्र पर भी श्री महालक्ष्मी मां के साक्षात स्वरूप के दर्शन (स्वयंभू दर्शन) 10 अक्टूबर सुबह 4 बजे से 10 बजे के बीच होंगे। इस दर्शन को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मां का स्वरूप प्रात: कन्या, दोपहर में युवा एवं शाम के समय प्रौढ़ रूप में होता है। नवरात्र पर्व को देखते हुए मंदिर के गर्भगृह, सभामंडप तथा बाहरी प्रांगण में तैयारी जोरशोर से चल रही है। मंदिर में नवरात्र के दौरान एक मनोकामना महाज्योति का प्रज्वलन किया जाएगा। मां जगदंबा भारत के 54 शक्तिपीठों में से एक है। घटस्थापना सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी, जिसके बाद भोग आरती होगी। इसके बाद शाम 5 बजे अखंड महाज्योति प्रज्वलन एवं रात 8 बजे संध्या आरती होगी। वहीं 18 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे घट विसर्जन किया जाएगा। इस मंदिर में नवरात्रि के मौके पर 3 बार की जाती है। 18 अक्टूबर को सुबह 3.30 बजे श्रृंगार आरती, हवन एवं पूर्णाहुति दी जाएगी। रात 8 बजे महापूजा और महाआरती की जाएगी।
राजस्थानी कलाकार कर रहे गर्भगृह का सौंदर्यीकरण
मां जगदम्बा की प्रेरणा से मंदिर का कायापलट करने के लिए पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले जी जान से जुटे हुए हैं। उनके मार्गदर्शन एवं नियोजन में माता के गर्भगृह का विस्तार किया गया है। मां का सिंहासन बर्मावुड से शानदार नक्काशी कर उस पर सोने का पानी चढ़ाकर बहुत ही मनोहारी बनाया गया है। राजस्थान के कारीगर इन कलाकृतियों में प्राण फूंक रहे हैं। संपूर्ण गर्भगृह चांदी के पत्रों एवं पैनल से बनाकर कलाकृतियों से शानदार ढंग से सजाया जा रहा है। बेहतरीन प्रकाश व्यवस्था से मां का गर्भगृह जगमगाएगा। भक्त सुचारू रूप से मां के दर्शन का लाभ ले सकेंगे।
भोग-प्रसाद के लिए दानदाताओं की उमड़ने लगी है भीड़
कोराड़ी महालक्ष्मी जगदम्बा संस्थान में मां जगदंबा को प्रतिदिन दोपहर 12 बजे नैवेद्य का भोग लगाया जाता है। भक्तों की अटूट आस्था थी कि, हमारी ओर से भी मां को भोग लगाने का अवसर मिले। संस्थान ने मां जगदंबा की प्रेरणा से भक्तों की इस अटूट आस्था को पूर्ण करने का निर्णय 12 जून को सर्वसम्मति से लिया था। इच्छुक भक्त मां को भोग लगाने के लिए जो भी खाद्यान्न और किराना वस्तुएं देंगे उसकी जानकारी संस्थान के 1 से 5 तारीख के बीच संस्थान को सूचित करें तथा जिस बिक्री केंद्र से वस्तुएं खरीदी जाएंगी उसका नाम और पता भी बताएं, ताकि संस्थान का कर्मचारी संबंधित दुकान पर पहुंचकर सामग्री ले आएं। भोग सामग्री से भोजन तैयार कर मां को नैवेद्य दानदाता के नाम से लगाया जाएगा तथा उनका नाम और पता भी मंदिर के दर्शनीय स्थल पर फलक पर लगाया जाएगा। यह जानकारी संस्थान के अध्यक्ष एड. मुकेश शर्मा, सचिव केशवराव फुलझेले ने दी। उन्होंने बताया कि, जुलाई 2019 तक का नैवेद्य बुक हो चुका है। इच्छुक भक्त आगे के समय के लिए नैवेद्य बुक करवा सकते हैं।
Created On :   1 Oct 2018 5:52 AM GMT