असाध्य बीमारियों का योग से उपचार में जुटी संस्था, यहां योग के प्रभावों पर जारी है रिसर्च

The effects of yoga continue on the research in the treatment
असाध्य बीमारियों का योग से उपचार में जुटी संस्था, यहां योग के प्रभावों पर जारी है रिसर्च
असाध्य बीमारियों का योग से उपचार में जुटी संस्था, यहां योग के प्रभावों पर जारी है रिसर्च

डिजिटल डेस्क, नागपुर । योग को सिर्फ व्यायाम समझना ठीक नहीं है। यह जीवनशैली है। सुबह उठने से रात को बिस्तर पर जाने तक पूरी दिनचर्या को सही तरीके से करने का ज्ञान प्रदान करती है। देश में योग को लोकप्रिय करने में अहम भूमिका निभाने वाले योगाचार्य जनार्दन स्वामी की स्मृति में स्थापित जनार्दन स्वामी योगाभ्यासी मंडल के कार्यवाहक राम खांडवे कहते हैं-आज योग की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। पूरी दुनिया योग को अपना रही है। यह विश्व को भारत की अनुपम देन है। दुनिया भर में जीवनशैली संबंधी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में योग का महत्व भी बढ़ता जा रहा है। जीवनशैली संबंधी परेशानियों पर दवाओं की मदद से नियंत्रण संभव है उपचार नहीं। योग को अपना कर जीवनशैली संबंधी परेशानियों को कम किया जा सकता है। 

स्वास्थ्य संबंधी रिसर्च
मंडल नियमित रूप से जीवनशैली संबंधी बीमारियों के उपचार में योग की भूमिका संबंधी रिसर्च कार्य होते हैं। इन रिसर्च कार्यों पर शहर के विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी सलाह ली जाती है। मंडल में हाल ही में महिलाओं में होने वाली थायराइड बढ़ने की समस्या पर रिसर्च किया गया है। योग के नियमित अभ्यास से इसे नियंत्रित करने में मिली मदद  को इस क्षेत्र के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी मान्य किया है। मंडल में उच्च रक्त चाप, मधुमेह जैसी बीमारियों में योग अभ्यास से नियंत्रण जैसे विषयों पर भी रिसर्च हो चुके हैं। राम खांडवे के अनुसार, बड़ी संख्या में लोगों को असाध्य बीमारियों में लाभ भी मिला है। डिप्रेशन जैसी मन संबंधी बीमारियों के उपचार में योग काफी लाभदायक सिद्ध हुआ है।

शास्त्रीय योग पर जोर 
राम खांडवे के अनुसार मंडल में योग के विशुद्ध शास्त्रीय स्वरूप का पालन किया जाता है। मंडल के रामनगर स्थित मुख्य केंद्र समेत सभी उपकेंद्रों में शास्त्रीय योग प्रशिक्षक ही लोगों को योग सिखाते हैं। अभ्यास के दौरान भी कार्यकर्ता हर साधक पर पूरा ध्यान रखते हैं।  आसन, योग, ध्यान की हर क्रिया पूरी तरह से शास्त्रीय पद्यति के अनुसार होती है। मंडल अब तक शहर में लाखाें लोगों काे शास्त्रीय योग का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। 

प्रतिदिन आठ सौ लोग करते हैं अभ्यास 
नागपुर में मंडल के कुल 70 केंदाें पर प्रति दिन हजारों लोग योगाभ्यास करते हैं। राम नगर स्थित केंद्र के मुख्य भवन में प्रति दिन सात से आठ सौ लोग योगाभ्यास करते हैं। मंडल के कार्यावाहक राम खांडवे के अनुसार केंद्र के पास वर्ष 1986 से रिकार्ड उपलब्ध है और उसके अनुसार दो लाख लोग मंडल से जुड़ चुके हैं। जाहिर है कि इसके पहले भी मंडल से जुड़ने वालों की संख्या अच्छी खासी रही होगी। नागपुर के अलावा यवतमाल में तीन, चंद्रपुर 16, उमेरड में छह और गड़चिरोली और अकोला मंे एक-एक केंद्र पर प्रशिक्षण जारी है। सभी केंद्रों पर सेवा पूर्णत: निशुल्क उपलब्ध है और हर किसी के लिए है।

हर उम्र के साधक
मंडल में नियमित योगाभ्यास करने वालाें में बड़ी संख्या में युवा और बच्चे भी शामिल हैं। इसके साथ डॉक्टर, इंजीनियर समेत विभिन्न क्षेत्र के प्रोफेशनल्स भी सुबह पांच बजे से शुरू होने वाले सत्र में शामिल होते है। सत्र में कोई भी शामिल हो सकता है। बस अभ्यास के दौरान मोबाइल लाना और आपस में बात करना मना है। 

विश्व योग दिवस का यह पांचवां वर्ष है। पांच वर्ष में तो एक बच्चा भी अपना भला-बुरा समझने लगता है। लोगों को भी अब समझ लेना चाहिए कि उनके जीवन के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा।
-राम खांडवे, कार्यवाहक, जनार्दन स्वामी योगाभ्यासी मंडल

Created On :   21 Jun 2019 7:23 AM GMT

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