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उड़द, मूंग भी नहीं खरीदेगी सरकार, मिलेगी अंतर की राशि
डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। खरीफ सीजन में जिले की मुख्य फसल मक्का की खरीदी सरकारी उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर नहीं होगी। इसके स्थान पर पंजीकृत किसानों को कृषि उपज मंडियों में बेचना होगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं मंडियों की मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि को किसान के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। मक्का के साथ ही उड़द, मूंग सहित 7 अन्य फसलों को भी भावान्तर भुगतान योजना में शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत किसानों का पंजीयन सोमवार से प्रारंभ हुआ। पंजीयन कराने की अंतिम तिथि ११ अक्टूबर है।
भावान्तर योजना में शामिल फसल
तिलहन फसल-सोयाबीन, मूंगफली, तिल व रामतिल, खाद्यान्न फसल-मक्का,दलहनी फसल- मूंग, उड़द व तुअर।
यह होगी प्रक्रिया
- भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत किसान को अपनी फसल को मंडी में विक्रय करने के लिए निकटतम स्थित उपार्जन केंद्र पर पंजीयन कराना होगा।
- उपार्जन केंद्र द्वारा पंजीयन के पश्चात किसान को पंजीयन पावती उपलब्ध की जाएगी, जिसमें किसान द्वारा बताई गई फसलों की जानकारी अनुसार पंजीयन क्रमांक प्राप्त होगा।
- भावान्तर भुगतान के अंतर्गत किए गए पंजीयन के द्वारा किसान अपनी फसल को मंडी में जाकर ही बेच सकता है। मंडी में फसल बेचने के लिए किसान को पंजीयन पावती प्रस्तुत करना होगा।
भावान्तर योजना के लिए प्रस्तावित विक्रय की अवधि
भावान्तर योजना के लिए फसल विक्रय की अवधि प्रस्तावित की गई हैं। इसके अनुसार सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग एवं उड़द के विक्रय की अवधि १६ अक्टूबर से १५ दिसंबर तक एवं तुअर का विक्रय १ फरवरी से ३० अप्रैल तक करना होगा।
Created On :   12 Sep 2017 4:58 AM GMT