जैतपुर में वापस लौटा हाथियों का दल, धान की फसल को किया क्षतिग्रस्त

The group of wild elephants has once again entered in the district boundary
जैतपुर में वापस लौटा हाथियों का दल, धान की फसल को किया क्षतिग्रस्त
जैतपुर में वापस लौटा हाथियों का दल, धान की फसल को किया क्षतिग्रस्त

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जंगली हाथियों का दल एक बार फिर जिले की सीमा में प्रवेश कर चुका है। दल में हाथियों की संख्या 24 बताई गई है जिसने वन परिक्षेत्र जैतपुर के कई गांवों में लगी धान की फसल को रौंद डाला। ग्रामीणों के अनुसार हाथियों ने शनिवार की शाम जैतपुर रेंज के जंगल से लगे ग्राम मड़सा में प्रवेश किया था। झुण्ड रसमोहनी के बांध में पानी पीने पहुंचा। विछले तीन दिन से हाथियों का दल फसलों को तबाह कर रहा है । किसान करण सिंह बघेल, लाल नारायण बघेल, राजू यादव, लखन कहार, लाला प्रजापति तथा लालमन कहार आदि के खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है। रात में चलकर हाथी ग्राम चकोडिय़ा की ओर आ पहुंचे हैं।

इलाके में दहशत
लगभग महीने भर बाद इलाके में हाथियों का दल आ धमका है। अभी तक जनहानि तो नहीं हुई है लेकिन इसको लेकर आसपास के गावों में दहशत का माहौल बना हुआ है। इसके पूर्व 24 अक्टूबर को हाथी इलाके में घुस आए थे। उस समय कुछ नुकसान भी पहुंचाया था। इसके बाद झुण्ड जयसिंहनगर होते हुए ब्यौहारी की ओर निकल गया था। वन विभाग के अनुसार अब वही दल वापस जाने के लिए लौट रहा है। जो छत्तीसगढ़ की ओर जा रहे हेैं।

वन विभाग ने कराई मुनादी
हाथियों के क्षेत्र में घुस आने के बाद वन विभाग का अमला सतर्क हो गया है। केसवाही होते हुए कोतमा और फिर छग की ओर जाने की संभावना को देखते हुए क्षेत्र के गांवों के लोगों को सतर्क रहने को कहा जा रहा है। विभाग के अनुसार हाथी रात में ही कूच करते हैं, दिन के समय आराम करते हैं। इसलिए मुनादी व पम्पलेट के माध्यम से लोगों से रात के समय अकेले खेतों की ओर नहीं निकलने की सलाह दी जा रही है। विभागीय अधिकारी उनके मूवमेंट पर भी नहर रखे हुए हैं।

इनका कहना है
रात के समय हाथियों के जिले की सीमा पार कर जाने की संभावना है। अमला लगातार नजर बनाए हुए है। जिनकी फसलों को नुकसान पहुंचा है मूल्यांकन कराया जा रहा है।   -सलीम खान, रेंजर जैतपुर

 

Created On :   19 Nov 2018 7:50 AM GMT

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