नरभक्षी बाघिन को मारने का आदेश बरकरार, पशुप्रेमियों की याचिका हाईकोर्ट ने रद्द की

The High Court is on the order to kill the human haunting tigress
नरभक्षी बाघिन को मारने का आदेश बरकरार, पशुप्रेमियों की याचिका हाईकोर्ट ने रद्द की
नरभक्षी बाघिन को मारने का आदेश बरकरार, पशुप्रेमियों की याचिका हाईकोर्ट ने रद्द की

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यवतमाल ही नहीं पूरे फॉरेस्ट महकमे की नींद उड़ाने वाली बाघिन को मारने के आदेश पर हाईकोर्ट कायम है। इसके साथ ही पांढ़रकवड़ा वन्य क्षेत्र में नागरिकों और मवेशियों का शिकार करने वाली नरभक्षी बाघिन को गोली मारने का रास्ता हाईकोर्ट से साफ हो गया है।  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने पशु प्रेमी अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन और डॉ. जैरिल बनाईत की याचिका खारिज कर दी। वन विभाग के अनुसार बीते डेढ़ साल में बाघिन ने 10 लोगों और 50 मवेशियों की जान ले ली है। क्षेत्र में इससे दहशत है। इसी समस्या को देखते हुए वन विभाग ने उसे पकड़ने की कोशिश की। असफलता मिलने पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने 29 जनवरी 2018 को बाघिन को गोली मारने का निर्णय लिया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में वन विभाग द्वारा बाघिन को गाली मारने के फैसले में कई खामियां बता कर इसका विरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में निरीक्षण दिया कि वन्य प्रेमी अदालत में ऐसे कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं कर सके हैं, जिससे वन विभाग के फैसले में कोई परिवर्तन किया जा सके। ऐसे में इस याचिका काे खारिज कर देना ही हाईकोर्ट ने उचित समझा है। 

वन्यप्रेमियों का तर्क
याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया था कि पिछले तीन माह से बाघिन ने किसी पर हमला नहीं किया है। बाघ अगर एक बार नरभक्षी हुआ, तो लगातार शिकार करता है, मगर यह बाघिन ऐसा नहीं कर रही है। वहीं हाईकोर्ट ने वन विभाग के जिस आदेश को कायम रखा था, उसमंे वन विभाग ने निर्णय लिया था कि वे पहले शावकों को पकड़ेंगे, फिर बाघिन को बेहोश करेंगे, सफलता नहीं मिलने पर ही उसे गोली मारेंगे, लेकिन इसके बाद वन विभाग ने अपना निर्णय बदला कि पहले बाघिन को गोली मारेंगे, फिर शावकों को पकड़ेंगे। याचिकाकर्ता के अनुसार, शावक अभी छोटे हैं और शिकार नहीं कर सकते। बाघिन के नहीं होने से वे जंगल में ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाएंगे। ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से वन विभाग के फैसले पर स्थगन मांगा था। कोर्ट ने इस मामले में कोई दखल नहीं दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भंडारकर ने पक्ष रखा। 

फारेस्ट का एक्शन प्लान
वन विभाग के अधिवक्ता कार्तिक शुकुल ने कोर्ट में बाघिन को पकड़ने का वन विभाग का प्लान हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि शूटर नवाब शहाफत अली खान और उनकी टीम वन विभाग को इस कार्य में मदद कर रही है। तय प्लान के अनुसार हर स्तर पर पहले बाघिन को बेहोश कर पकड़ने की ही कोशिश की जाएगी, परंतु अगर बाघिन ने उग्र होकर टीम पर हमला किया या खेतों, चारागाहों में जाकर स्थानीय निवासियों या मवेशियों पर हमला किया, तो उसे गोली मार दी जाएगी। 

Created On :   23 Oct 2018 5:21 AM GMT

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