हाईकोर्ट ने कहा - पुनर्मूल्यांकन के लिए भेजे उस ब्लाइंड स्टूडेंट की उत्तर पुस्तिका

The High Court said - Answer sheet of that blind student sent for re-evaluation
हाईकोर्ट ने कहा - पुनर्मूल्यांकन के लिए भेजे उस ब्लाइंड स्टूडेंट की उत्तर पुस्तिका
हाईकोर्ट ने कहा - पुनर्मूल्यांकन के लिए भेजे उस ब्लाइंड स्टूडेंट की उत्तर पुस्तिका

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि वह एक ब्लाइंंड स्टूडेंट की उत्तर पुस्तिका की विशेषज्ञ से दोबारा जांच कराए। हाईकोर्ट ने छात्र की मांग पर कहा कि वाइसचांसलर को अपवादजनक परिस्थितियों में एक बार फिर से उत्तरपुस्तिका को पुनर्मूल्यांकन के लिए भेजने का अधिकार है।

ये है मामला
उल्लेखनीय है कि  LLB की पढ़ाई कर रहे एक स्टूडेंट ने मई 2017 में साक्ष्य विधि विषय की परीक्षा दी थी। लेकिन वह इस विषय में काफी कम अंकों से फेल हो गया था इस स्टूडेंट को पासिंग के करीब नंबर मिले थे  इसलिए उसने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था लेकिन फिर भी इस स्टूडेंट को सफलता नहीं मिली। इसके बाद स्टूडेंट ने विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि उसके उत्तर पुस्तिका की जांच विशेषज्ञ से कराई जाए। विश्वविद्यालय ने उसकी मांग पर विचार करने से इंकार कर दिया। इसलिए स्टूडेंट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

जस्टिस भूषण गवई व जस्टिस भारती डागरे की बेंच के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान विश्वविद्यालय की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रुई राड्रिक्स ने कहा कि कानून में ऐसा प्रावधान नहीं है कि एक बार पुनर्मूल्यांकन के बाद उत्तर पुस्तिका को दोबारा जांच के लिए अन्य विशेषज्ञ के पास भेजा जाए।

मिले हैं पासिंग के करीब नंबर 
इन सारी दलीलों व स्टूडेंट की याचिका पर गौर करने के बाद बेंच ने कहा कि इस स्टूडेंट का मामला अपवादजनक श्रेणी के दायरे में आता है। क्योंकि छात्र को जो अंक मिले हैं वे पासिंग मार्क के काफी करीब हैं। इसलिए हम विश्वविद्यालय को निर्देश देते हैं कि वह इस स्टूडेंट की साक्ष्य विधि विषय की उत्तरपुस्तिका को चार सप्ताह के भीतर दोबारा जांच के लिए भेजे। यह कहते हुए बेंच ने याचिका को समाप्त कर दिया। कोर्ट के इस रूख से स्टूडेंट को न्याय मिलने व उसके आगे की शिक्षा की राह मिलने की उम्मीद  है।

Created On :   21 April 2018 12:30 PM GMT

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