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महाराष्ट्र में बढ़ रही हिंदी बोलने वालों की संख्या, बढ़ रहा रूझान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में हिंदी भाषियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। साल 1971 के पांच फीसदी के मुकाबले साल 2011 तक राज्य में हिंदी भाषियों की संख्या बढ़कर 12.9 फीसदी हो गई। जबकि इस दौरान मराठी, उर्दू, गुजराती और दूसरी भाषाएं बोलने वालों की संख्या घटी है। राज्य में साल 1971 में मराठी भाषियों की संख्या 76.5 फीसदी थी जो साल 2011 तक आते-आते घटकर 68.9 फीसदी रह गई। पिछले दिनों विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश राज्य की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।
कौन सी भाषा बोलने वालों की कितनी आबादी
मातृभाषा 1971 1981 1991 2001 2011
मराठी 76.5 72.8 73.3 68.8 68.9
हिंदी 5.0 6.6 7.8 11.0 12.9
उर्दू 7.3 6.9 7.3 7.1 6.7
गुजराती 2.8 2.7 2.5 2.4 2.1
अन्य 8.4 11.0 9.1 10.7 9.4
राज्य में 47.9 प्रतिशत विवाहित , यूपी में सर्वाधिक अविवाहित
उल्लेखनीय है कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट ने इसके अलावा विवाहित व अविवाहितों के आंकड़े भी जारी किए हैं। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में 45.0 फीसदी पुरुष और 51.1 फीसदी महिलाएं विवाहित हैं। जबकि राज्य में 1.5 फीसदी पुरुष और 6.4 प्रतिशत महिलाएं तलाकशुदा अथवा विधवा हैं। राज्य में विवाहितों का औसत आकड़ा 47.9 प्रतिशत है। महाराष्ट्र की तुलना में आंध्रप्रदेश, गुजरात, केरल में विवाहित पुरुषों की संख्या ज्यादा है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सिर्फ 38.5 फीसदी पुरुष और 45.6 फीसदी महिलाएं विवाहित हैं।
यूपी में अविवाहित पुरुषों का आकड़ा सर्वाधिक 59.7 प्रतिशत है जबकि 51.1 प्रतिशत महिलाएं अविवाहित हैं। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में 2.4 फीसदी लडकियों का विवाह 18 साल की उम्र से पहले हो जाता है जबकि 61.1 फीसदी लड़कियों की शादी 21 वर्ष के बाद होती है। राज्य में लड़कियों के विवाह की औसतन आयु वर्ष 2001 में 19 वर्ष थी जो 2016 में बढ़ कर 22 वर्ष हो गई है। आर्थिक सर्वेक्षण के ये आकड़े वर्ष 2016 के हैं।
Created On :   22 Jun 2019 11:57 AM GMT