PF कार्यालय के पास पड़े हैं 40865.14 करोड़ रुपए, नहीं कोई लाभार्थी

The pf office nagpur has crores rupees which has no beneficiary
PF कार्यालय के पास पड़े हैं 40865.14 करोड़ रुपए, नहीं कोई लाभार्थी
PF कार्यालय के पास पड़े हैं 40865.14 करोड़ रुपए, नहीं कोई लाभार्थी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। PF  कार्यालय के पास पड़े हैं  40865.14 करोड़ रुपए पड़े हैं जिसका  कोई लाभार्थी नहीं है। नाैकरीपेशा वर्ग के सामाजिक कल्याण और सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा पेंशन स्कीम चलाई जाती है। सरकार ने ऐसे कंपनियों, संस्थाओं और प्रतिष्ठानों को 181  वर्ग में विभाजित कर रखा है, जहां के कर्मचारियों के लिए पेंशन लागू होती है। लेकिन कई मामले ऐसे भी देखने को मिले हैं, जहां के कर्मचारियों के लिए पेंशन लाभ को अमल में नहीं लाया जा सकता, फिर भी उन प्रतिष्ठानों से पीएफ का हिस्सा वसूल किया गया। ऐसी ही कई विसंगतियों को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सू-मोटो जनहित याचिका दायर की है। मामले में उत्तर न प्रस्तुत करने वाले पीएफ उपायुक्त देवेंद्र सोनटक्के को कोर्ट में हाजिरी लगानी पड़ी। उन्होंने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी ली। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 8 सप्ताह बाद रखी है। पीएफ कार्यालय को 8 सप्ताह में अपना उत्तर प्रस्तुत करना है। मामले में एड.अतुल पाठक न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं। 

यह है मामला
याचिकाकर्ता के अनुसार, पेंशन नियमों के तहत जिस संस्थान या प्रतिष्ठान में 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, वहां पीएफ सुविधा लागू होती है। कर्मचारियों के वेतन से 12 प्रतिशत रकम पीएफ के लिए काटी जाती है। संबंधित संस्था या प्रतिष्ठान को भी इतनी ही रकम कर्मचारी के पेंशन खाते में डालनी होती है, लेकिन पेंशन अधिनियम की धारा-7 (ए) के तहत क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त या उपायुक्त को अधिकार है कि कौन कौन से संस्थान और प्रतिष्ठान पेंशन नियमों के अधीन आते हैं और कौन से नहीं, इसका निर्धारण करे व  साथ ही नियोक्ता को पेंशन में कितनी राशि डालनी चाहिए यह भी तय करने का अधिकार प्राप्त है। याचिकाकर्ता के अनुसार, उक्त अधिकारी बगैर पड़ताल किए महज बैलेंस शीट के आधार पर किसी संस्था या प्रतिष्ठान को पीएफ की श्रेणी में नहीं डाल सकते। याचिका में श्रम व रोजगार मंत्रालय की रिपोर्ट का हवाला दिया है कि पीएफ विभाग के पास इस तरह जमा किया गया 40865.14 करोड़ रुपया पड़ा है, जिस पर दावा करने वाला कोई लाभार्थी ही नहीं है। ऐसे नियोक्ताओं को यह पैसा वापस कर दिया जाना चाहिए। 
 

Created On :   12 Feb 2019 8:47 AM GMT

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