वृंदावन जाएं तो यहां 'श्रीकृष्ण' के चरण चिन्ह जरूर देखें

The Radha Damodar Temple Vrindavan where is krishna charan chinha
वृंदावन जाएं तो यहां 'श्रीकृष्ण' के चरण चिन्ह जरूर देखें
वृंदावन जाएं तो यहां 'श्रीकृष्ण' के चरण चिन्ह जरूर देखें

डिजिटल डेस्क, वृंदावन। श्रीकृष्ण की अनेक लीलाओं में से एक ये भी है। वृंदावन में आज भी कन्हैया के चरण चिन्ह एक शिला पर देखने मिलते हैं, जिसे गिरीराज शिला के नाम से जाना जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं अपने भक्त सनातन गोस्वामी को दिया था। ये शिला आज भी राधा दामोदर मंदिर वृन्दावन में रखी है। तड़के 4 बजे से इस शिला की परिक्रमा शुरू हो जाती है। अधिक मास में जो लोग गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा नहीं कर पाते वे या तो इस मंदिर में चार परिक्रमा नित्य करते हैं तो उनकी एक परिक्रमा हो जाती है।

ये है कथा
बताया जाता है कि सनातन गोस्वामी वृन्दावन से नित्य गोवर्धन पैदल जाते थे तथा वहां पर सप्तकोसी परिक्रमा कर वापस फिर वृन्दावन राधा दामोदर मंदिर में आ जाते थे। अत्यन्त वृद्ध होने पर एक बार जब वे थककर परिक्रमा मार्ग में बैठ गए तो कन्हैया स्वयं मानव रूप में उनके पास आए और उन्हें वापस जाने के लिए कहा, इस पर सनातन रो पड़े, तब भगवान कृष्ण ने एक शिला उठाई।

ज्योंही उन्होंने उस पर अपने चरण कमल रखे कि शिला मोम की तरह पिघल गई और उस पर उनके चरण कमल बन गए। इसके बाद उन्होंने सुरभि गाय को बुलाया और उसका खुर उस पर रखकर उसका निशान अंकित कर दिया। बांसुरी सहित समस्त चिंह अंकित करने के बाद उन्होंने शिला सनातन को दे दी। उन्होंने सनातन को इसे वृंदावन में रखने के लिए कहा। तब से ये शिला वृंदावन के इस मंदिर में रखी है।

विदेशी भक्त भी शामिल
गोवर्धन परिक्रमा शास्त्रों में अत्यधिक पुण्यकारी बताई है। सात कोस की इस परिक्रमा को करने के लिए हर साल ही बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। जिनमें विदेशी भक्त भी शामिल होते हैं।

Created On :   14 Aug 2017 2:38 AM GMT

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