दिल्ली: पेट का इलाज कराने पहुंची महिला, डॉक्टर ने कर दिया किडनी का ऑपरेशन 

दिल्ली: पेट का इलाज कराने पहुंची महिला, डॉक्टर ने कर दिया किडनी का ऑपरेशन 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS) में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां पेट दर्द का इलाज कराने पहुंची एक महिला का डॉक्टरों ने किडनी का ऑपरेशन कर दिया जबकि महिला को किडनी से संबंधित कोई बीमारी ही नहीं थी। इतना ही नहीं डॉक्टर ने खुद को बचाने के लिए पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट के साथ भी छेड़छाड़ की है। 

जानिए क्या है पूरा मामला


30 वर्षीय रेखा देवी बिहार के सहरसा की रहने वाली हैं। 7 फरवरी को दिल्ली एम्स में उनकी गलत सर्जरी की गई। दरअसल रेखा देवी की उनके गांव में पहले ही सर्जरी हुई थी जिसमें कुछ दिक्कतें आने लगीं थीं। लगातार पेट दर्द से परेशान होकर रेखा देवी इलाज कराने दिल्ली के एम्स पहुंच गईं लेकिन उनका गलत इलाज कर दिया गया।  

सर्जरी कर बना दिया फिस्टुला


रेखा देवी को किडनी से जुड़ी कोई भी बीमारी नहीं थी लेकिन एम्स में सर्जरी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर ने किडनी की बीमारी की सर्जरी कर फिस्टुला बना दिया। फिस्टुला एक तरह से रास्ता होता है जो किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीज में डायलिसिस के लिए बनाया जाता है।

गलती छिपाने के लिए रिपोर्ट से छेड़छाड़


हालांकि सर्जरी के बाद जब डॉक्टर ने मरीज और उसके परिजनों से बातचीत की तब उसे पता चला कि मरीज को किडनी की कोई बीमारी ही नहीं हैं। इसके बाद अगले दिन मरीज की सही सर्जरी तो की गई लेकिन डॉक्टर ने अपनी इस लापरवाही को छिपाने के लिए मरीज के रिकॉर्ड में गलत सर्जरी का जिक्र ही नहीं किया। मगर नर्सिंग रिपोर्ट बुक में डॉक्टर की लीपापोती का पर्दाफाश हो गया। 

जांच में दोषी पाया गया डॉक्टर


इस मामले की जानकारी जब यूनिट हेड डॉक्टर सुनील चुंबर को लगी तो उन्होंने इस मामले की जांच की और केस से जुड़े दस्तावेजों की जांच भी की। जिसमें डॉक्टर को गलत सर्जरी का दोषी पाया गया है। इसके बाद उन्होंने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें लिखा है कि ये लापरवाही है और ऐसे डॉक्टर को मरीजों के इलाज से दूर रखना चाहिए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके. शर्मा ने भी अपनी रिपोर्ट निदेशक को सौंप दी है। 

जांच के लिए समिति का गठन


अब इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति की अध्‍यक्षता डीन डॉ. वाई के गुप्ता करेंगे। एम्स के निदेशक ने मामले की विस्तृत जांच के लिए समिति गठित करने के आदेश दिए थे। हालांकि मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश तो दिए गए हैं लेकिन एम्स जैसे बड़े संस्थानों में डॉक्टरों की ऐसी लापरवाही बड़े सवाल खड़े करती है। 

Created On :   5 April 2018 7:27 AM GMT

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