'AAP के चंदे में कोई गड़बड़ी नहीं, एक-एक पैसे का हिसाब'

there is no disturbance in AAP donations says ND Gupta rs member
'AAP के चंदे में कोई गड़बड़ी नहीं, एक-एक पैसे का हिसाब'
'AAP के चंदे में कोई गड़बड़ी नहीं, एक-एक पैसे का हिसाब'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के चंदे में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि एक-एक पैसे का हिसाब पार्टी के बही-खातों में मौजूद है जिसे सरकारी एजेंसियों को भी दिया गया है। मीडिया में आई ख़बर का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है।

पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई प्रेस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए पार्टी के नवर्निवाचित राज्यसभा सांसद एन डी गुप्ता ने कहा कि ‘आम आदमी पार्टी के चंदे से जुड़ी जो ख़बर सीबीडीटी के हवाले से एक समाचार पत्र में प्रकाशित की गई है वो पूरी तरह से तथ्यों से परे है जिसका वास्तिवकता से कोई लेना-देना नहीं है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 138 में यह प्रावधान है कि किसी भी पक्ष की फ़ाइल की कोई जानकारी सम्बंधित सरकारी एजेंसी या उसका कोई भी अफ़सर किसी को भी नहीं दे सकता। तो हमारा सवाल यह है कि किस आधार पर वो मीडिया हाउस सीबीडीटी के हवाले से ख़बर छाप रहा है? अगर ऐसा है तो यह अपने आप में कानून का उल्लंघन है।

एन डी गुप्ता ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ‘आम आदमी पार्टी के चंदे में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है। सरकारी एजेंसी ने हमारे खाते में कुल जमा राशि को अलग-अलग बार गिनती में ला दिया है जिसकी वजह से उनके आकड़े अलग दिख रहे हैं, पार्टी ने अपने सभी बही-खातों को पूरी तरह से दुरुस्त रखा है जिसमें एक पैसे की जानकारी मौजूद है। हमारी फ़ाइल से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है और जानबूझ कर शोर मचाया जा रहा है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता एंव राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित चुनावी बॉंड के बार में बोलते हुए कहा कि ‘एक तरफ़ तो सरकार चुनावी चंदे को पारदर्शी बनाने पर बात कर रही है तो दूसरी तरफ़ चुनावी बॉंड के नाम पर दानदाताओं की जानकारी छुपाने की कानूनी मान्यता देने की कोशिश हो रही है।

चुनावी बॉंड के माध्यम से जो पैसा राजनीतिक दल को दिया जाएगा उस पैसे की जानकारी सरकारी बैंक, आरबीआई और सरकार के पास ही होगी, और ऐसा भी हो सकता है कि केंद्र सरकार में बैठा राजनीतिक दल अपने दूसरे राजनीतिक दलों के चंदे पर नज़र रखेगा और उनके दानदाताओं को परेशान भी कर सकता है।

आम आदमी पार्टी का मानना है कि चुनावी बॉंड के फॉर्मूले को तुरंत वापस लिया जाए और राजनीतिक चंदे को अधिक पारदर्शी बनाने की तरफ़ प्रयास किया जाए।  

 

Created On :   9 Jan 2018 4:44 PM GMT

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