सरकारी स्कूल का हाल बेहाल: बच्चे लाते हैं बोरवेल से पानी फिर बनता है मिड डे मिल

there is no drinking water in the District Council school of Wadi
सरकारी स्कूल का हाल बेहाल: बच्चे लाते हैं बोरवेल से पानी फिर बनता है मिड डे मिल
सरकारी स्कूल का हाल बेहाल: बच्चे लाते हैं बोरवेल से पानी फिर बनता है मिड डे मिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी स्कूलों के बड़े अजीब हालात हैं। असुविधाओं के बीच शिक्षा ग्रहण की बात अक्सर सामने आती है लेकिन वाड़ी की जिला परिषद  स्कूल में पीने का पानी तक नहीं है इसलिए जब बच्चे रोड पार कर बोरवेल से  पानी लाते हैं तब यहां मिड डे मिल बनता है। सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भारी-भरकम बजट खर्च किया जा रहा है। इन स्कूलों में काॅन्वेंट जैसी पढ़ाई देने का दावा कर रही है। कई स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने की योजनाएं भी फाइलों में हैं। यूनिफार्म, किताबें, बैग, मिड-डे-मील आदि पर करोड़ों का बजट प्रतिवर्ष सरकार खर्च कर रही है इन सारे प्रयासों का दावा यहां की स्कूल में जाने के बाद खोखला साबित हो रहा है।

कभी भी हो सकता है हादसा
वाड़ी की जिला परिषद उच्च प्राथमिक शाला क्र. 1 व 2 ऐसे ही स्कूल हैं। इस स्कूल में बच्चों की जान से सीधा खिलवाड़ हो रहा है, क्योंकि ये आते तो हैं पढ़ने के लिए, मगर सड़क पार से पानी लाने में ही इनका दिन निकल जाता है। बच्चे हैं, इसलिए उन्हें इस काम में आनंद आता है, मगर वे नहीं जानते कि थोड़ी सी गफलत कभी भी भारी पड़ सकती है। दरअसल स्कूल में मध्यान्ह भोजन दिया जाता है, लेकिन खिचड़ी पकाने के लिए पानी नहीं होने से बोरवेल के पानी में ही भोजन पकाया जा रहा है। इन बच्चों से ही सड़क पार कर बोरवेल का पानी मंगाया जाता है। चार माह से यह स्थिति है।  प्राथमिक स्कूल परिसर में हमारे संवाददाता ने भेंट दी तो विद्यार्थी पानी भरते नजर आए। यहां दिन भर ट्रकों का आवागमन रहता है।  

बिना पानी के खिचड़ी कैसे पकाएं
स्कूल में पानी नहीं है। हमें केवल 1 हजार रुपए माह के मिलते हैं, इसमें क्या क्या करेंगे? स्कूल में पानी नहीं तो पानी के बगैर खिचड़ी कैसे पकाएंगे। बोरवेल का पानी हम खुद लाते हैं। मदद के लिए विद्यार्थियों को हम ले जाते हैं। पानी नहीं मिला तो अब खाना नहीं पकाने की बात स्कूल आहार पकाने वाली महिला मनीषा व लीलाबाई ने कही।

स्कूल में पानी की समस्या हल करें
स्कूल में चार माह से पानी की समस्या है। जिप व नप को पत्र दिए, लेकिन समस्या हल नहीं हुई। गोडाउन से पानी ले रहे हैं। बच्चों को पानी लाने मैं नहीं भेजता। बच्चे खुद गए। अब कोई बच्चा नहीं जाएगा।
-भास्कर क्षीरसागर, मुख्यध्यापक जिप प्रा.स्कूल क्र. 2 वाड़ी

असामाजिक तत्वों का डर 
स्कूल में चौकीदार नहीं होने से दिन भर असामाजिक तत्व सक्रिय रहते हैं। यहीं पर शराब पीते हैं। पुलिस काे शिकायत की है। पानी की समस्या गंभीर है।
-पुष्पा गावंडे मुख्याध्यापक, जिप प्रा. स्कूल क्र.1 वाड़ी

पीने के पानी की सुविधा नहीं
टंकी लगाई गई है, लेकिन पानी नहीं रहता। बच्चे घर से पीने के लिए पानी लाते हैं। मुख्याध्यापक भास्कर क्षीरसागर की मानें तो  जिला परिषद व नगर परिषद को पानी की इस समस्या को हल करने के लिए कई बार पत्र दिया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता।

मध्याह्न भोजन पकता है बोरवेल के पानी से
स्कूल में मध्याह्न भोजन दिया जाता है, लेकिन खिचड़ी पकाने के लिए पानी नहीं होने से बोरवेल के पानी में ही भोजन पकाया जा रहा है। वही विद्यार्थी ग्रहण कर रहे हैं। दूषित पानी से बने खाने से विद्यर्थियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो सकता है। पानी नहीं होने से विद्यर्थियों को जूठी थाली में ही खाना खाने की नौबत आ रही है।

शौचालय में गंदगी, नहीं है पानी
स्कूल में छात्राओं के लिए शौचालय है, लेकिन गंदगी के चलते कोई जाना नहीं चाहता। वहीं, शिक्षकों के लिए बने शौचालय पर ताला लगा होता है। इस समस्या की ओर जिला शिक्षण अधिकारी का तनिक भी ध्यान नहीं। 

नगर परिषद हल कर सकती है समस्या 
स्कूल में पानी की समस्या साल भर से है। मुख्याध्यापक ने नगर परिषद को पत्र देकर पानी की मांग की, लेकिन नगर परिषद प्रशासन ने स्कूल को पानी नहीं दिया। बोरवेल के दूषित पानी विद्यार्थी पी रहे हैं। बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में आने का डर पालकों में है। नगर परिषद ने स्कूल परिसर में बोरवेल बना दिया तो स्कूल की पानी समस्या दूर हाे सकती है। वार्ड के नगरसेवक की भी अनदेखी का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।

स्कूल में नहीं चौकीदार वाड़ी में एक ही जगह पर जिला परिषद प्राथमिक उच्च स्कूल क्र 1 व 2 है। इसमें क्रमांक 1 में 147 व 2 में 88 छात्र पढ़ाई करते है, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए स्कूल में चौकीदार नहीं है, जिससे रात में असामाजिक तत्व रात में स्कूल में ही शराब, गांजा की पार्टी करते हैं। स्कूल में चौकीदार की मांग पालकों ने की है।

 

 

 

Created On :   9 Jan 2019 6:20 AM GMT

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