भंडारा वनपरिक्षेत्र में 14 जलकुंभ से बुझ रही वन्यजीवों की प्यास

Thirst of wildlife quenching from 14 reservoir in Bhandara forest
भंडारा वनपरिक्षेत्र में 14 जलकुंभ से बुझ रही वन्यजीवों की प्यास
भंडारा वनपरिक्षेत्र में 14 जलकुंभ से बुझ रही वन्यजीवों की प्यास

डिजिटल डेस्क, भंडारा। तापमान के साथ धूप की तीव्रता जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है। वन विभाग भी उसी प्रकार से वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए विविध तरीके से प्रबंध किए जाने में जुटा हुआ है। भंडारा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत 14 जलकुंभ का निर्माण किया गया है। साथ ही अन्य जल स्रोतों के मरम्मत का कार्य भी जारी है। गौरतलब है कि कोका अभयारण्य से सटे भंडारा वनपरिक्षेत्र जंगल के अभयारण्य में वन्यजीवों की आवाजाही शुरू रहती है। परिसर से वैनगंगा नदी का प्रवाह होने के कारण वन्यजीव प्यास बुझाने के लिए नदी तट पर पहुंचते हैं। इस दौरान मार्ग से भटक जाने के कारण वन्यजीव गांव में प्रवेश करते हैं। जिससे वन्यजीवों को जंगलों में ही पर्याप्त मात्रा में पीने के लिए पानी मिले इस प्रयास से वनविभाग द्वारा ग्रीष्मकाल में कृत्रिम जलकुंभ निर्माण किए जाते हैं।

सौर ऊर्जा के माध्यम से जलापूर्ति
भंडारा वन परिक्षेत्र अंतर्गत कोका, माडगी, रावणवाड़ी घना जंगल इलाका है। उक्त जंगल क्षेत्र में वनविभाग द्वारा 14 जलकुंभ तैयार किए गए हैं। जिसमें से नौ स्थानों पर सौर ऊर्जा का उपयोग कर पंप के माध्यम से पानी डाला जा रहा है। शेष जलकुंभ में टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। जिससे वन्यजीवों को स्वयं के अधिवास में पानी की सुविधा उपलब्ध हो गई है। वन विभाग द्वारा इसके पूर्व भी जलयुक्त शिवार योजना अंतर्गत एक तालाब गहराईकरण, दो नाला गहराईकरण के कार्य किए गए हैं। नवेगांव व माडगी परिसर में श्यामाप्रसाद मुखर्जी जनवन योजना से सौरऊर्जा पंप की सुविधा वाले दो जलकुंभ का निर्माण किया गया है। जिसके कारण वन्यजीवों को पानी के लिए भटकना कम होगा।

वन विभाग के कर्मचारी दे रहे ध्यान
वन विभाग के जंगलों में विविध स्थानों पर जलकुंभ तैयार किए गए है। जिसके माध्यम से वन्यजीवों को पीने का पानी उपलब्ध किए जाने के लिए विभाग के सभी कर्मचारियों द्वारा ध्यान दिया जा रहा है।
- नीलय भोगे वनपरिक्षेत्र अधिकारी, भंडारा 

Created On :   26 April 2019 10:45 AM GMT

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