रावण काे मिलती थी शक्तियां, यहां बना है ''राहु'' का रहस्यमयी मंदिर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राहु-केतु ने मकर और कर्क राशि में प्रवेश किया है। 18 साल इस तरह का परिर्वतन आया है। ग्रहों के फेर का असर जहां कुछ राशियों के लिए शुभ होगा, वहीं कुछ इसकी वजह से नुकसान भी उठाएंगी। ऐसे में हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जिसे राहु मंदिर के नाम से ही जाना जाता है...
अद्भुत शिवलिंग
कोलंबो से 266 किलोमीटर दूर स्थित है ""थिरुकोनेश्वरम"" मंदिर। इस मंदिर में एक अद्भुत शिवलिंग है। कहा जाता है कि इसकी स्थापना रावण ने की थी। जहां उसकी शक्तियों का रहस्य छिपा है। बताया जाता है कि यहीं रावण ने शक्तिशाली छाया ग्रह राहु को रावण ने कैद कर लिया था।
यहीं से मिलती थी शक्ति
ऐसी भी मान्यता है कि अथाह शक्तियों का मालिक रावण थिरुकोनेश्वरम मंदिर से ही दिव्य उर्जा प्राप्त करता था। थिरुकोनेश्वरम से 180 डिग्री पर श्रीलंका का दूसरा छोर थिरुकेटीश्वरम है। इसी स्थान से करीब 286 किमी की दूरी पर थिरुकेटीश्वरम में राहु मंदिर है।
सभी नौ ग्रह कर लिए थे कैद
वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण ने अपनी शक्तियों के अभिमान में सभी नौ ग्रहों को कैद कर लिया था। इन नौ ग्रहों का लंका में होना ही रावण की मायावी शक्तियों का मुख्य कारण था। स्थानीय लोगों की इस मंदिर को लेकर खासी आस्था है। यह अपनी तरह का निराला मंदिर है।
Created On :   18 Aug 2017 4:58 AM GMT