इस एप से मिलेगी सूखे की सटीक जानकारी ,जानिए खूबी

This app will give accurate information about drought, know features
इस एप से मिलेगी सूखे की सटीक जानकारी ,जानिए खूबी
इस एप से मिलेगी सूखे की सटीक जानकारी ,जानिए खूबी

भुपेंद्र गणवीर ,नागपुर।  नागपुर स्थित सुदूर संवेदन अनुप्रयोग केंद्र (एमआरएसएसी) एक ऐसा मोबाइल एप बनाने जा रहा है, जो इलाके में सूखे से प्रभावित गांव, तहसीलें और किसानों की सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगा। उपग्रह के माध्यम से मिलने वाली इस जानकारी के चलते कृषि कर्मचारी, पटवारी और तहसीलदार गड़बड़ियों के आरोपों की जद में आने से बच सकेंगे। 

शुरू हुआ कार्य 
महाराष्ट्र राज्य सरकार के नियोजन विभाग के तहत काम करने वाले एमआरएसएसी ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू कर दिया है। जिसमें कृषि, सिंचाई, राजस्व, वन, सहायता व पुनर्वसन विभाग भी मदद मुहैया कराएगा। इसके लिए भूजल स्तर, बुवाई क्षेत्र, बरसात और सिंचाई सुविधा के पिछले 30 साल के आकड़ों को आधार  बनाया जा रहा है। 

पटवारी और तहसीलदार लेते हैं जानकारी 
वर्तमान में पटवारी और तहसीलदार खेतों में जाकर सूखे का जायजा लेते हैं, जिसे आनेवारी कहते हैं। इसी आधार पर सरकार सृूखा घोषित करके मुआवजा घोषित करती है। इस मापदंड पर अक्सर विवाद भी होते रहे हैं। किसान और राजनेता इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं, जिसके बाद कई बार पटवारी और तहसीलदारों पर अनुशासनात्मकर कार्रवाई भी की गई है। लेकिन अब सूखे के आंकलन का काम मोबाइल एप करेगा।

सॉफ्टवेयर, एप और पूरा कार्यक्रम बनने के बाद खरीफ फसल के संदर्भ का सूखा 30 अक्टूबर 2018 तक घोषित किया जाएगा। ये देश भर में अपनी तरह का पहला प्रयोग है, जो उपग्रह के माध्यम से फसलों की स्थिति बताएगा। इस मोबाइल एप के बनने के बाद विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे इलाकों में सूखे का जायजा लेना काफी आसान हो जाएगा।  

उपग्रह की मदद से प्रभावित गांव और फसलों की स्थिति का पता चलेगा   
खरीफ सत्र जून महीने से शुरू होता है। इसी महीने से इस वैज्ञानिक प्रणाली की शुरुआत की जानी है। जून से लेकर सितंबर तक हर महीने सूखे का अध्ययन किया जाएगा। जिसके आधार पर सरकार और किसानों को अलर्ट किया जाएगा। रबी फसल के लिए सूखे का अध्ययन दिसंबर, जनवरी व मार्च में किया जाएगा और रिपोर्ट मिलने के बाद फसल बीमा राशि का वितरण होगा। मुआवजे की राशि किसानों के खाते में सीधे जमा की जाएगी। 

मोबाइल एप उपग्रह के जरिये फसलों की जानकारी भेजेगा। जिसका विश्लेषण करने के बाद सूखा घोषित किया जाएगा। सटीक जानकारी मिलने से किसानों का विश्वास तो बढ़ेगा ही, सरकार की मशक्कत भी कम होगी। सफल क्रियान्वयन के लिए शुरुआत में संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।  
डॉ. प्रशांत राजनकर, असिस्टेंट साइंटिस्ट, एमआरएसएसी
 

Created On :   19 May 2018 12:45 PM GMT

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