सामने आया सच, कश्मीर पर UN की रिपोर्ट के पीछे था इनका हाथ
- इस्लामिक जर्नलिस्ट और मस्जित के इमाम ने किया रिपोर्ट पर खुलासा
- जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनन की रिपोर्ट पर बड़ा खुलासा
- जम्मू-कश्मीर में सेना विरोधी रिपोर्ट में था पाकिस्तान का हाथ
डिजिटल डेस्क, मिसिसॉगा/नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनन को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसे लेकर देश में जमकर बवाल मचा था। इस रिपोर्ट से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। कनाडा में बसे पाकिस्तानी इस्लामिस्ट ज़फर बंगाश का कहना है कि जिस व्यक्ति ने ये रिपोर्ट तैयार की है वह लगातार उनके टच में थे। इससे साफ है कि कश्मीर में सेना के खिलाफ जारी की गई इस रिपोर्ट के पीछे पाकिस्तान का हाथ था। बता दें कि टोरंटो में बसे ज़फर बंगाश एक इस्लामिक जर्नलिस्ट हैं और यॉर्क क्षेत्र की मस्जिद में इमाम भी हैं।
कश्मीर मुद्दे पर एक कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों के उच्चायुक्त ज़ायद बिन राड अल हुसैन रिपोर्ट तैयार करने के दौरान उनके संपर्क में थे। ज़फर बंगाश ने कहा कि मैं आपको यकीन के साथ कह सकता हूं कि भारत विरोधी रिपोर्ट को तैयार करने के पीछे कश्मीर के कुछ साथी भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि मैंने खुद हाई कमिश्नर से लगातार फोन और इमेल पर बात की थी।
#WATCH: Zafar Bangash, Imam at Islamic Society of York Region"s Mosque a Pakistani Canadian, claims he had a role in producing UN Report on JK; says "We, the friends of Kashmir, also have a role in the production of this report." #Canada pic.twitter.com/43i88ZD9ap
— ANI (@ANI) July 10, 2018
बंगाश ने बताया कि मेरी पाक विदेश मंत्रालय में बात हुई थी, जिसमें यह तय हुआ कि यूएन मानवाधिकार के हाईकमिश्नर और उनके साथी प्रतिनिधि पाकिस्तान जाएंगे। आजाद कश्मीर (PoK) में उनका सम्मान भी होगा। बंगाश जिस समारोह में यह खुलासा कर रहे थे, उसमें पीओके के राष्ट्रपति सरदार मसूद खान भी मौजूद थे। सरदार मसूद खान ने कहा कि भारत-पाकिस्तान को युद्ध से बचना चाहिए। साउथ एशिया में अब न्यूक्लियर शक्तियां हैं।
We also have role in producing the report (UN Report on JK). I have personal correspondence with Human Rights High Commissioner where he responded, he would like to have access to both LoCs: Zafar Bangash, Imam at Islamic Society of York Region"s Mosque a Pakistani Canadian pic.twitter.com/MKObeFOeo9
— ANI (@ANI) July 10, 2018
क्या थी रिपोर्ट?
कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के मसले के तत्काल समाधान की जरूरत पर जोर देते हुए यूएन की रिपोर्ट में कहा गया था कि कश्मीर में राजनीतिक समाधान के किसी भी प्रस्ताव में यह बात शामिल होनी चाहिए कि वहां हिंसा बंद हो और मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जवाबदेही तय किया जाए। रिपोर्ट में बुरहान वानी की भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने की भी चर्चा की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि कश्मीर में नागरिकों के अपहरण, हत्या और यौन हिंसा जैसे मानवाधिकार उल्लंघन के वाकिये जारी हैं।
सरकार ने दिया कड़ा जवाब
भारत सरकार ने कश्मीर पर यूएन की रिपोर्ट को भ्रामक और पक्षपातपूर्ण बताकर खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। जिसमें कहा गया था कि रिपोर्ट पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और इसके जरिए गलत तस्वीर पेश करने की कोशिश की गई है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि यह देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है।
Created On :   10 July 2018 11:53 AM GMT