अस्पताल की लैब का कमाल, एक महिला के तीन ब्लड ग्रुप, गर्भवती ने तीन बार जांच रिपोर्ट अलग

Three blood group of a same woman, fraud found in civil hospital
अस्पताल की लैब का कमाल, एक महिला के तीन ब्लड ग्रुप, गर्भवती ने तीन बार जांच रिपोर्ट अलग
अस्पताल की लैब का कमाल, एक महिला के तीन ब्लड ग्रुप, गर्भवती ने तीन बार जांच रिपोर्ट अलग

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। यह जानकर आपको आश्चर्य हो सकता है कि एक महिला के तीन ब्लड ग्रुप है। ऐसा संभव तो नहीं, लेकिन जिला अस्पताल की लैब ने यह कमाल कर दिखाया है। तीन बार हुए ब्लड टेस्ट में महिला का ब्लड ग्रुप अलग-अलग दर्शाया गया है। ब्लड ग्रुप की तीन अलग-अलग रिपोर्ट से हैरान महिला और डॉक्टरों ने उसका निजी पैथालॉजी में परीक्षण कराया। यहां तीन में से एक ओ-नेगेटिव ब्लड ग्रुप पाया गया।

खास बात यह है कि एक ही महिला के तीन ब्लड ग्रुप आने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई है। बाहर कराए गए टेस्ट के बाद मामले को छोड़ दिया गया। गर्भवती महिला लालबाग निवासी डोली ने तीन बार अपनी जांच अस्पताल में कराई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद महिला समेत उसके परिजन हैरान थे कि ऐसा कैसे संभव हो सकता है। ऐसी स्थिति में परिजनों ने निजी पैथालॉजी लैब का सहारा लिया।

आठ पैथालॉजिस्ट पर काम अधीनस्थ
जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के नए पैथालॉजिस्ट की भर्ती के बाद अस्पताल स्थित लैब में आठ पैथालॉजिस्ट कार्यरत हैं। इसके बाद भी लैब में टेक्निशियन और असिस्टेंट मरीजों के ब्लड ग्रुप समेत अन्य जांच कर रहे हैं। यही नहीं कॉलेज के स्टूडेंट भी कई मरीजों के सेम्पल लेकर जांच करते देखे जा सकते हैं।

किडनी समेत अन्य जांच प्रभावित
अस्पताल कर्मियों की माने तो लैब में ब्लड ग्रुप जांच के अलावा लगभग सभी जांच प्रभावित है। हृदय रोग, किडनी जांच, पीलिया जांच जैसी गंभीर बीमारियों की जांच के लिए अस्पताल में लिक्विड का टोटा बना हुआ है, जिसकी वजह से मरीजों को अस्पताल छोड़ निजी पैथालॉजी में जांचें करानी पड़ रही हैं।

एक्सरे मशीन बंद, मरीज परेशान
जिला अस्पताल की एक्सरे मशीन में तकनीकी खराबी आने से मशीन बंद रही। इसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों द्वारा गंभीर मरीजों का पुरानी मशीन से एक्सरे किया गया। वहीं अधिकांश मरीजों को मशीन बंद होने की वजह से अस्पताल से लौटना पड़ा।

क्या कहते हैं अधिकारी
यह मामला अभी तक संज्ञान में नहीं आया है। यदि अस्पताल कर्मचारियों द्वारा इस तरह की गलती की जा रही है तो जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. सुशील दुबे, आरएमओ जिला अस्पताल

Created On :   2 July 2018 8:11 AM GMT

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