नागपुर : मेट्रो परियोजना से जुड़ेंगे 3 नए स्टेशन, कन्हान तक होगा विस्तार

Three new stations will be added in the Metro project in Nagpur
नागपुर : मेट्रो परियोजना से जुड़ेंगे 3 नए स्टेशन, कन्हान तक होगा विस्तार
नागपुर : मेट्रो परियोजना से जुड़ेंगे 3 नए स्टेशन, कन्हान तक होगा विस्तार

डिजिटल डेस्क, नागपुर | ड्रीम प्रोजेक्ट मेट्रो शीघ्र ही साकार होने जा रहा है। संतरानगरी में चार चांद लगाने वाले इस प्रोजेक्ट में और तीन स्टेशनों  को जोड़ा गया है। इससे अब मेट्रो में   स्टेशनों की संख्या कुल 40 हो जाएगी। 

इको पार्क आैर मेट्रो सिटी होगा खास

नए स्टेशनों में कॉटन मार्केट, इको  पार्क और मेट्रो सीटी स्टेशन शामिल हैं। इनमें इको पार्क और मेट्रो सिटी अपने आप में अलग तरह के होंगे। इको पार्क मेट्रो स्टेशन मिहान डिपो के पास इको पार्क के पास होगा। मेट्रो सिटी मिहान का आखरी स्टेशन होगा। जो वर्तमान के मिहान स्थित मेट्रो डिपो के आगे बुटीबोरी की दिशा में बनाया जाएगा। इन स्टेशनों से मेट्रो की पहुंच आउटर रिंग रोड के पास तक होगी। यह जानकारी महामेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. ब्रजेश दीक्षित ने दी। वे मेट्रो भवन में पत्रकार परिषद के दौरान मेट्रो के कामकाज की जानकारी दे रहे थे। 

एक स्टेशन पर 50 करोड़ खर्च 

हर स्टेशन के निर्माण पर लगभग 50 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। दीक्षित ने बताया कि इन स्टेशनों की डिजाइन तैयार की जा रही है। इस अतिरिक्त निधि को मेट्रो बचत से पूरा करने के प्रयास हैं। एटग्रेट सेक्शन (जमीन पर चलनेवाले मेट्रो का हिस्सा) की लंबाई करीब 3 किमी और बढ़ेगी, जिससे प्रोजेक्ट के कुल रूट की लंबाई 38.5 से बढ़कर 41.5 किमी हो जाएगी। 

मेट्रो सिटी प्रोजेक्ट में बनेंगे 5 हजार से अधिक मकान

मेट्रो सिटी स्टेशन के पास मेट्रो सिटी प्रोजेक्ट साकार होगा। इसमें करीब 5 हजार से अधिक मकान होंगे। इन्हें नागरिकों को बेचकर अतिरिक्त नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू इकट्ठा की जाएगी। मेट्रो सिटी और इको पार्क स्टेशन से एम्स, आईआईएम, इंडस्ट्रियल जोन, एयरो स्पेस परियोजना आदि के लिए पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करेगा। दोनों स्टेशनों के लिए 25-25 हेक्टेयर जमीन लगेगी। 

मंजूरी के लिए भेजा जाएगा

डीपीआर के संशोधित एक्सटेंशन मेट्रो रूट प्लान में कन्हान नदी ब्रिज तक रेल लाइन ले जाने को शामिल किया गया है, जिसे महीने भर के भीतर तैयार कर मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बुटीबोरी के लिए भी फिजिबिलिटी रिपोर्ट के परिणाम सकारात्मक आने से यहां के लिए वैकल्पिक गतिशील योजना तैयार की जाएगी। 

आरडीएसओ से शीघ्र मिलेगा सर्टिफिकेट

ऑक्जिलेशन ट्रायल (आवागमन परीक्षण) को आरडीएसओ ने स्वीकार कर लिया है। अब आरडीएसओ हफ्ते भर में प्रामाणपत्र जारी करेगा। इस प्रमाणपत्र को रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। बोर्ड से यह मंजूर होकर कमिश्नर ऑफ सेफ्टी के पास भेजा जाएगा। डॉ. दीक्षित ने बताया कि कमिश्नर ऑफ सेफ्टी के साथ भी एक बैठक इससे पहले हो चुकी है। इन प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद जनवरी से मेट्रो की जॉय राइड जनता के लिए सुचारु हो सकेगी। उन्होंने बताया गया कि जून अंत तक मेट्रो के कोच आएंगे।

सोलर पैनलों को भी मिली हरी झंडी

सोलर पैनल के जरिए नेट मीटरिंग के माध्यम से 1 मेगावॉट बिजली उत्पादन की अनुमति होती है। मेट्रो सोलर पैनलों के जरिए 14 मेगावॉट बिजली उत्पादन करने की योजना थी। ऐसे में एमईआरसी (महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग) के नियम इसकी राह में आड़े आ रहे थे। नियमों में बदलाव कठिन होने से यह काम काफी दिनों से लटका हुआ था। अब मेट्रो ने नेट मीटरिंग और एमईआरसी के उलझनों में न उलझते हुए ओपन सोर्स कैपटिविटी का मार्ग चुनकर सोलर पैनल स्थापित कर खुद बिजली बनाने और उसके उपयोग का निर्णय लिया है। महावितरण से इसके माध्यम से 7.50 रुपए प्रति यूनिट की बिजली 4.5 यूनिट प्रति मीटर की दर पर उपलब्ध होगी।

चीन की तर्ज पर  शेयरिंग बाइसिकल

डॉ. दीक्षित ने हाल ही में किए गए चीन के ग्यांग्जो शहर के दौरे के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां स्मार्ट डॉकयार्ड पब्लिक बाइक स्कीम चलाई जाती है। इसमें मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन टैक्सी की तर्ज पर मेट्रो स्टेशन पहुंचते ही यात्री उपलब्ध बाइसिकल को लोकेट कर सकेंगे। उसे पेटीएम जैसी सेवा के जरिए भाड़ा भुगतान कर साइकिल का उपयोग कर सकेंगे। नागपुर में इन साइकिलों को  एक कंपनी उपलब्ध कराएगी। 

Created On :   23 Nov 2017 5:06 AM GMT

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