मप्र: कान्हा टाइगर रिजर्व में आपसी लड़ाई में टाइगर की मौत

Tiger killed another tiger in kanha tiger reserve national park
मप्र: कान्हा टाइगर रिजर्व में आपसी लड़ाई में टाइगर की मौत
मप्र: कान्हा टाइगर रिजर्व में आपसी लड़ाई में टाइगर की मौत

डिजिटल डेस्क,मंडला।  बाघों के लिए मशहूर मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व में फिर एक बाघ की मौत हो गई। पार्क के किसली जोन मगरनाला बीट में गश्ती दल को बाघ का शव मिला। वन अधिकारियों को अंदेशा है कि क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर हुई आपसी लड़ाई में तीन से चार साल के बाघ की जान चली गई।
लगातार हो रही बाघों की मौतें-
कान्हा नेशनल पार्क में बाघ की मौत हुई है। किसली रेंज के मगरनाला बीट में गुरूवार की शाम गश्ती दल ने बाघ को मृत अवस्था में देखा है। बाघ की मौत का कारण आपसी लड़ाई बताया जा रह है। नर बाघ ने मौत के घाट उतारा है। जानकारी के मुताबिक कान्हा नेशनल पार्क में बाघों के मौत की घटनाएं लगातार हो रही है। 26 फरवरी को कान्हा परिक्षेत्र के कन्हारी परिसर के प्रकोष्ठ क्रमांक 712 में  2 अवस्यक बाघ मृत अवस्था में पाये गये। इसके बाद फिर बाघ की मौत हो गई है। गुरूवार 21 मार्च को किसली रेंज के मगरनाला बीट में बाघ मृत अवस्था में गश्ती दल ने देखा।
नहीं हो सका पोस्टमार्टम-
इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों की दी गई। जिसके बाद शुक्रवार की सुबह अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन बाघ का पीएम नहीं हो सका है। मृत बाघ ने पास नर बाघ डेरा डालकर बैठा है। उसने मृत बाघ के कुछ हिस्से को खा लिया है। बाघ की मौत का कारण आपसी संघर्ष प्रतीत हो रहा है। मृत बाघ के पास से नर बाघ को भगाने का प्रयास किया जा रहा है। बाघ के भागने के बाद पीएम कराया जाएगा। बिसरा जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। मृत बाघ का अंतिम संस्कार करेंगे। आपसी संघर्ष में लगातार हो रही बाघ की मौत से कान्हा प्रबंधन भी चिंतिंत नजर आ रहा है।
अज्ञात वाहन की टक्कर से जंगली सूकर घायल-
वहीं पश्चिम वनमंडल की मंडला रेंज में जंगली सूकर अज्ञात वाहन की टक्कर से घायल हुआ है। यहां हाइवे किनारे लहुलुहान अवस्था में मिला है। वनविभाग के अमला ने जिला पशु चिकित्सालय में घायल सूकर का इलाज किया है। उपचार के लिए रानी पार्क में सूकर को रखा गया है। बताया गया है कि सुबह सात बजे वनविभाग के अमले की सूचना मिली की हाइवे किनारे जंगली सूकर लहुलुहान पड़ा है। अमले ने मौके पर जाकर देखा। सूकर को मुंह में गंभीर चोट थी। पैर के पास भी घाव का निशान है। यहां वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ पीके ज्योतिषी ने सुकर का उपचार किया है। सूकर को जबड़े में गंभीर चोट के साथ उसके पैर की खुर नही है। जिससे कारण वह चलने में असमर्थ है। जंगली सूकर को अभी उपचार की जरूरत है। जिसके चलते उसे रानी पार्क में रखा जाएगा।

Created On :   23 March 2019 10:18 AM GMT

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