खूंखार बाघिन की जंगल में तलाश शुरू, ढूंढ रहा है विभाग का दल

Tigress have made their horror in this area, searching by team
खूंखार बाघिन की जंगल में तलाश शुरू, ढूंढ रहा है विभाग का दल
खूंखार बाघिन की जंगल में तलाश शुरू, ढूंढ रहा है विभाग का दल

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। रालेगांव, कलंब,जोडमोहा, पांढरकवडा क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुकी नरभक्षी बाघिन पर नियंत्रण के लिए वनविभाग के साथ ही रेस्क्यु टीमों को जंगलों में सक्रिय किया गया है। वनविभाग द्वारा इसे पकडऩे की तैयारियों के साथ ही रेस्क्यु टीमों की गतिविधियों के बीच इस क्षेत्र में बाघिन ने अपना आतंक मचाने की पुष्टी हो चुकी है। वनविभाग के मुताबिक बीते डेढ़ वर्ष में इस क्षेत्र में यह नरभक्षी बाघिन अब तक 8 लोगों के प्राण लील चुकी है।

मारे गए लोगों का आंकड़ा 11 पहुंचा

स्थानीय स्तर पर हुए बाघिन के हमले में मारे गए लोगों का आंकड़ा 11 है, ऐसी चर्चाएं स्थानीय इलाके में सुनी जा सकती है। इसके बावजूद जिले का वनविभाग इस पर नियंत्रण नहीं पा सका है। बीते सप्ताह ही रालेगांव के विरगांव क्षेत्र मेंं इस बाघ ने ग्यारहवें व्यक्ति को अपना शिकार बनाया है, जिसके बाद यह नरभक्षी बाघिन टिपेश्वर से लेकर रालेगांव, जोडमोहा वनपरिक्षेत्र के जंगलों में मुक्त विचरण कर रही है, जिसे लेकर इस क्षेत्र के नागरिकों और किसानों में भयंकर दहशत व्याप्त है।

जंगल में घूम रहा बाघ

पिछले सप्ताह ही रालेगांव के विरगांव क्षेत्र मेंं इस बाघ ने ग्यारहवें व्यक्ति को अपना शिकार बनाया है, जिसके बाद यह नरभक्षी बाघ टिपेश्वर से लेकर रालेगांव, जोडमोहा वनपरिक्षेत्र के जंगल में घूम रहा है, जिसे लेकर इस क्षेत्र के नागरिकों ओर किसानों में भयंकर डर है।  इसी बीच नागपुर वरिष्ठ वनविभाग कार्यालय की ओर से जिले के इस क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके इस बाघीन को पकडने के लिए नरभक्षी को पकडने वनविभाग केनियमानुसार वनविभाग ने कार्यवाही शुरु की है।

सितंबर से जंगल में सक्रीय टीम

बता दें कि, बुलढाणा से लेकर अमरावती की रेस्क्यु टीम इन जंगलों में बाघिन को पकडने के लिए सक्रिय थी, इसी बीच वाईल्ड ट्रस्ट ऑफ इंडिया की टीम भी बीते सितंबर से इन जंगलों में सक्रिय है। इसके अलावा नरभक्षी को पकडऩे के लिए स्पेशल ट्रैन्क्युलेशन टीम भी जंगलों में जुटाई गई है। यवतमाल सीसीएफ के पास पांढरकवडा डीएफओ की रिपोर्ट के बाद सीसीएफ के आदेश पर नागपुर वन्यजीव विभाग के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण की सूचना के अनुसार इसे पिंजरे में कैद करने जरूरत पड़ने पर बेहोश करने की मंजूरी भी दी गई। जबकि उसे पकड़ने में अब तक सफलता नहीं मिल पाई है।

Created On :   17 Dec 2017 11:18 AM GMT

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