मौत के बाद भी टी-1 बाघिन को पिंजरे में डालकर नागपुर लाए, पोस्टमार्टम के बाद अंतिम विदाई

tigress shot by hunter after many death in ralegaon maharashtra
मौत के बाद भी टी-1 बाघिन को पिंजरे में डालकर नागपुर लाए, पोस्टमार्टम के बाद अंतिम विदाई
मौत के बाद भी टी-1 बाघिन को पिंजरे में डालकर नागपुर लाए, पोस्टमार्टम के बाद अंतिम विदाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रालेगांव में दहशत मचाने वाली बाघिन टी-1 को शिकारी ने शुक्रवार की मध्यरात्रि गोली मारी। जिसके बाद  शनिवार सुबह तक पंचनामा कर बाघिन को नागपुर के गोरेवाड़ा में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। नागपुर में टाइगर वैन में डालकर जब टी-1 को लाया गया, तब भी वह पिंजरे में कैद अवस्था में ही लाई गई। गोरेवाड़ा में लाने के बाद बाघिन का पोस्टमार्टम कर शाम को अंतिम विदाई की गई। इस वक्त पशु चिकित्सा अधिकारियों से लेकर वन्यजीव प्रेमियों की उपस्थिति थी। हालांकि गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र के अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाते हुए चुप्पी साधे रखी।

उल्लेखनीय है कि गत कुछ माह से रालेगांव परिसर में टी-1 यानी अवनी नामक बाघिन की दहशत थी। उसके द्वारा कई ग्रामीण निवासियों पर हमला किया था। जिसमें कुछ की मौत भी हो गई थी। ऐसे में वन विभाग ने इसे मारने के आदेश देते हुए निजी शूटर को भी बुलाया था। लेकिन इस बीच शिकारी व वन विभाग के कुछ अधिकारियों के साथ तालमेल नहीं बैठ रहा था। उधर बाघिन ने दो शावकों को जन्म देने से इसके प्रति वन्यजीव प्रेमियों की सहानुभूति बढ़ गई। ऐसे में मामला कोर्ट भी पहुंचा था। कोर्ट ने बाघिन द्वारा हो रहे हमले को देखते हुए वन विभाग के निर्णय को सही बताया था। जिसमें पहले बाघिन को पकड़ने की कोशिश करें या फिर उसे गोली मारने के आदेश थे। हालांकि इसके बाद भी बाघिन हाथ नहीं लगी थी। 20 वाहन व 200 लोग जंगल में बाघिन को तलाशने में जुटे रहे, लेकिन बाघिन की एक झलक भी देखने नहीं मिल रही थी। हालांकि शुक्रवार को बाघिन को शूटर की मदद से गोली मारी गई। जिसके बाद पोस्टमार्टम के लिए शव को नागपुर लाया था।

वन अधिकारियों की होगी वापसी
मेनका गांधी के हस्तक्षेप के बाद बाघिन को पकड़ने के लिए योग्य तरीके से उपाय योजना होने के उद्देश्य से वन मुख्यालय  नागपुर से पीसीसीएफ व डीएफओ को भेजा था। साथ ही जब तक बाघिन को पकड़ने में सफलता नहीं मिले तब तक वहीं से कार्यभार संभालने के आदेश थे। ऐसे में गत 2 माह से अधिकारी रालेगांव में ही थे। इसके अलावा रेस्क्यू सेंटर से एक टाइगर वैन व डॉक्टरों को भी यहां भेजा गया था। ऐसे में अब इनकी वापसी होगी।

पशुप्रेमी दुःखी
उपरोक्त बाघिन को लेकर विविध संस्था व वन्यजीव प्रेमियों ने सहानभूति दिखाते हुए इसे न मारने को लेकर प्रदर्शन किया था। लेकिन शुक्रवार की रात बाघिन की मौत के बाद इनमें मायूसी फैली है। बाघिन की मौत जहां एक ओर दुखी कर रही है, वहीं दूसरी ओर नियम के बाहर बाघिन को मारने की गवाही दे रही है। बाघिन को रात के वक्त व शिकारी के बेटे द्वारा मारा गया है। जो पूरी तरह से नियमों के बाहर है। ऐसे में इसकी जांच होना जरुरी है।
करिश्मा गलानी, मानद पशु कल्याण अधिकारी

होगा विरोध प्रदर्शन
अभी बाघिन किसी को भी तकलीफ नहीं दे रही थी। वह जंगल के भीतर अपने बच्चों के साथ जीवनयापन कर रही थी। उस क्षेत्र में इंसानों को नहीं जाने देना था। बाघिन को मारने की जरूरत नहीं थी। उसे बेहोश कर पकड़ना था। लेकिन शिकारियों द्वारा इसे मारने से हमारी ओर से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
स्वप्निल बोधाने, पशुप्रेमी व सदस्य वाइल्ड लाइफ ऑर्गनाइजेशन रेस्क्यू रिहेबीटेशन ऑफ क्रिएचर
 

Created On :   3 Nov 2018 11:42 AM GMT

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