TISS रिपोर्ट ने खोली बिहार की पोल, लगभग सभी शेल्टर होम्स में हो रहा यौन उत्पीड़न

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TISS रिपोर्ट ने खोली बिहार की पोल, लगभग सभी शेल्टर होम्स में हो रहा यौन उत्पीड़न
TISS रिपोर्ट ने खोली बिहार की पोल, लगभग सभी शेल्टर होम्स में हो रहा यौन उत्पीड़न

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 37 बच्चियों से हुए रेप के मामले में अभी भी राजनीति गरमाई हुई है। इसी बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट भी सामने आई है, जिसने बिहार की पोल खोल दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार के लगभग सभी शेल्टर होम्स में लड़कियों का यौन उत्पीड़न हो रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार के सभी शेल्टर होम्स में यह समस्या पाई गई है। सभी शेल्टर होम में लड़कियों का यौन उत्पीड़न हुआ है, कहीं कम तो कहीं ज्यादा हुआ है।

बता दें कि यह रिपोर्ट टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) द्वारा पेश की गई है। TISS ने इस साल अप्रैल महीने में अपनी रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को सौंपी थी। जिसे अब बिहार सरकार ने ही सार्वजनिक किया है। यह रिपोर्ट 100 पन्नों की है, जिसमें कहा गया है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में लड़कियों से यौन उत्पीड़न और हिंसा के मामले ज्यादा गंभीरता से सामने आए। यह शेल्टर होम ब्रजेश ठाकुर द्वारा संचालित है, जो अब इसी मामले में जेल में है। कई लड़कियों ने उनके साथ रेप किए जाने और हिंसा के मामलों की शिकायत भी दर्ज कराई। बाद में जांच में यह सामने आया कि 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया गया था।

इस रिपोर्ट में बिहार की राजधानी पटना के भी लगभग सभी शेल्टर होम को उजागर किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पटना में चल रहे लगभग सभी शेल्टर होम की स्थिति बेहद ही खतरनाक पाई गई है। इनमें प्रमुख "नारी गुंजन" है। इनके अलावा मधुबनी की "आरवीईएसके" और कैमूर की "ज्ञान भारती" संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे शेल्टर होम्स में जिस तरह की स्थिति पाई गई, वह बेहद खतरनाक है।

बता दें कि TISS की इस रिपोर्ट के बाद मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मामला सामने आया था, जिसके बाद बिहार सरकारी मंत्री मंजू वर्मा पर खूब दबाव बना और उन्हें अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। इस मामले में बिहार सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी।

रोजगार के नाम पर फंस रही लड़कियां
बिहार के ऐसे भी कई शेल्टर होम हैं, जो लड़कियों को काम दिलाने के नाम पर फंसा रहे हैं। ऐसा ही एक सेवा-कुटीर नामक शेल्टर होम है, जो ओम साई फाउंडेशन द्वारा चलाया जा रहा है। इस शेल्टर होम में शारीरिक हिंसा और यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए। यहां रह रहीं कई लड़कियों ने आरोप लगाया कि उन्हें काम दिलाने के नाम पर यहां लाया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया। हालांकि, इसके बारे में दस्तावेज नहीं मिले हैं।

इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लगभग सभी शेल्टर होम में हर उम्र और हर वर्ग के बच्चों ने आरोप लगाए हैं। मोतिहारी के एक शेल्टर होम में भी ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां कम उम्र के बच्चों के साथ-साथ बड़े लोगों को भी रखा गया था। मोतिहारी में "निर्देश" नामक एनजीओ द्वारा लड़कों के लिए चलाए जा रहे चिल्ड्रन होम में रह रहे बच्चों ने भी शारीरिक हिंसा और यौन उत्पीड़न की शिकायत की। TISS की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मामलों की शिकायतों के बारे स्थानीय लोगों द्वारा लिखे गए कई पत्र भी पाए गए हैं।

Created On :   19 Aug 2018 3:10 PM GMT

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