'ग्लोबल पावर बनने के लिए सेक्युलरिज्म जरूरी, हिंदुत्व की राजनीति से देश को खतरा'

to be global power India has to reject communal mind says Former CJI JS Khehar
'ग्लोबल पावर बनने के लिए सेक्युलरिज्म जरूरी, हिंदुत्व की राजनीति से देश को खतरा'
'ग्लोबल पावर बनने के लिए सेक्युलरिज्म जरूरी, हिंदुत्व की राजनीति से देश को खतरा'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत को अगर ग्लोबल पावर बनना है, तो उसे सेक्युलरिज्म अपनाना ही होगा। हिंदुत्व की राजनीति करके दूसरे देशों से बेहतर संबंध नहीं बनाए जा सकते। उन्होंने ये भी कहा कि आज देश में जो कुछ हो रहा है, वो ठीक नहीं है। पूर्व सीजेआई जेएस खेहर पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर हुए एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान खेहर ने अयोध्या मामले पर भी अपनी राय जाहिर की।


ग्लोबल पॉवर बनने के लिए सेक्युलरिज्म अपनाना होगा

पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर हुए कार्यक्रम में पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) जेएस खेहर ने कहा कि "भारत के नेताओं ने तय किया कि देश सेक्युलर रहेगा, लेकिन आज इसे हम भूल गए हैं। हम जैसे को तैसा की नीति पर चल रहे हैं।" पूर्व सीजेआई ने आगे कहा कि "सेक्युलर होकर तो हम ग्लोबल पॉवर बन सकते हैं, लेकिन क्या कम्युनल होकर ग्लोबल पॉवर बन सकते हैं? अगर हमें मुस्लिम देशों से संबंध अच्छे रखना है, तो हम एंटी-मुस्लिम नहीं हो सकते। इसी तरह अगर ईसाई देशों से संबंध मजबूत चाहते हैं, तो आप एंटी-क्रिश्चियन नहीं हो सकते।"

पाकिस्तान इस्लामिक देश बना और हमने सेक्युलरिज्म चुना

इस कार्यक्रम में आगे बोलते हुए पूर्व सीजेआई जेएस खेहर ने कहा कि "भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए। एक तरफ पाकिस्तान जहां इस्लामिक देश बना, वहीं दूसरी तरफ भारत ने पूरी तरह से सेक्युलर होने का रास्ता चुना।" जेएस खेहर ने कहा कि "भारत के दूसरे पीएम लाल बहादुर शास्त्री भी कहा करते थे कि हमारे देश में कितनी खासियत है। हमारे यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और बाकी धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन कभी भी हमने राजनीति में धर्म को शामिल नहीं किया।"

इसीलिए अयोध्या विवाद में मध्यस्थता की पेशकश की

कार्यक्रम में पूर्व सीजेआई जेएस खेहर ने अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता की पेशकश क्यों की, इस बारे में भी बताया। पूर्व सीजेआई ने कहा कि "आप मसलों को जंग से हल नहीं कर सकते। इसके लिए आपको शांति और बातचीत का रास्ता चुनना होगा। यूरोप और बाकी देशों की तुलना में भारत की इसकी संभावना ज्यादा है और यही वजह है कि जब मैं चीफ जस्टिस था तो मैंने सुझाव दिया कि अगर अयोध्या विवाद पर बातचीत होती है, तो मैं मध्यस्थता के लिए तैयार हूं।" पूर्व सीजेआई ने ये भी कहा कि "अगर आज भी अयोध्या मुद्दे पर बात होती है, तो वो मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं।"

Created On :   12 Jan 2018 6:11 AM GMT

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