पेट्रोल-डीजल के दामों में उछाल, सरकार की बढ़ी चिंता, 18 जनवरी को होगा अहम फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने की बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं। पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों में वृद्धि के चलते इन्हें GST के दायरे में लाने की कवायद तेज हो गई है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि 18 जनवरी को होने वाली GST काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया जा सकता है। इससे दामों में कमी आएगी। लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने उत्पाद शुल्क में कटौती का विकल्प भी खुला रखा है। मगर इस बारे में GST काउंसिल की बैठक के बाद फैसला किया जाएगा।
गौरतलब है कि पेट्रोल का दाम तीन साल में सबसे अधिक हो गया है। देश के कई राज्यों में डीजल की कीमत भी रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है । इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल का दाम 70 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंचने से देश में पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स के दाम बढ़े हैं। डीजल की कीमत रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है। मुंबई में इसका दाम सितंबर 2014 के बाद सबसे ज्यादा हो गया है। इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (आईओसी) की वेबसाइट के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली में डीजल की कीमत 61.74 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 64.40 रुपये, मुंबई में 65.74 रुपये और चेन्नै में 65.08 रुपये प्रति लीटर रही। सरकारी तेल कंपनियों और प्राइवेट फर्मों की पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुछ पैसों का अंतर होता है।
क्यों बढ़े दाम?
पेट्रोल और डीजल पर कुछ साल पहले सब्सिडी खत्म कर दी गई थी। लोकल टैक्स की वजह से राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अंतर रहता है। ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) और रूस के प्रॉडक्शन में कटौती के लिए एग्रीमेंट का बढ़ना पिछले 6 महीने में फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण रहा है। तेल उत्पादक देशों ने कीमतों में हालिया बढ़ोतरी के बावजूद प्रॉडक्शन में कटौती जारी रखने का फैसला किया है। मजबूत इकनॉमिक ग्रोथ के बीच ऑइल की डिमांड में इजाफा हो रहा है और इसके चलते कीमतों में तेजी आ रही है।
कीमत कम करने की कवायद
मंत्रालय का मानना है कि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाना बेहद जरूरी है। इस पर चर्चा जारी है। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो GST के साथ सेस भी लग सकता है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड और चंडीगढ़ एक-समान सेस लगा सकते हैं ताकि, इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमत एक रहें। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बढ़ती कीमतों के चलते पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाना एक बेहतर विकल्प है।
Created On :   16 Jan 2018 7:03 AM GMT