शनि के दोष को दूर करने के लिए इस प्रकार करें शनि देव की पूजा

To remove the dosh of shani, worship the Shani Dev in this way
शनि के दोष को दूर करने के लिए इस प्रकार करें शनि देव की पूजा
शनि के दोष को दूर करने के लिए इस प्रकार करें शनि देव की पूजा

डिजिटल डेस्क । ज्योतिष में शनि देव को न्यायाधीश कहा गया है। जो आपको आपके कर्मो के अनुसार फल देने वाले देव के रूप में जाने जाता है। शनि देव एकमात्र ऐसे देव है जो जातक को उसके कर्म के अनुसार फलीभूत करते है और दण्डित भी करते है। ये जातक के कर्मो के अनुसार तय किया जाता है कि उसने किस प्रकार के कर्म किए है। पाप या अधार्मिक कार्य करने पर जातक को अलग-अलग प्रकार से दण्डित करते है। तो वहीं अच्छे कर्म करने वाले जातक सुखों को भोगते है। ये सब शनि देव के अनुसार ही निर्धारित किया गया है। जिस कारण ही सभी ग्रहों में भी शनिदेव को सबसे महत्त्वपूर्ण माना गया है।

 

कुंडली में शनि दोषों को दूर करने के लिए, शनि की साढ़े साती और ढईया में आने वाली कठिनाइयों से छुटकारा पाने में शनि देव और हनुमान जी को प्रसन्न करने के अतिरिक्त कोई और सफल उपाय नहीं है। जीवन में रोगों का आना, आर्थिक रूप से परेशानी का अनुभव करना, दाम्पत्य जीवन में असफलता, परिवार में कलह और शत्रुओं से परेशानी और भी बहुत से संकट है जिनके पीछे कहीं न कहीं शनि देव की कुद्रष्टि होती है। ऐसे में शनि देव और हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से अवश्य लाभ मिलता है।

 

यदि आपके पास आपकी कुंडली नहीं है और आप कई प्रकार से जीवन में कठिनाइयां भुगत रहे है तो ऐसे में आप सिर्फ शनि देव और हनुमान जी का ध्यान करें। शनि देव और हनुमान जी की पूजा ही आपको आपके संकट से छुटकारा दे सकती है। हनुमान जी और शनिदेव के बीच विशेष संबंध है। एक बार शनिदेव हनुमान जी के पास उन्हें दण्डित करने जा पहुंचे तब हनुमान जी और शनिदेव के बीच युद्ध हुआ और युद्ध में शनिदेव को हार का मुहं देखना पड़ा। तब हनुमान जी ने शनिदेव को उनकी पीड़ा से मुक्ति के लिए उनके शरीर पर तेल लगाया और तब से ही शनिदेव को तेल चढ़ाने के प्रथा चल रही है। शनिदेव ने भी हुनमान जी से कहा आज से शनिवार के दिन जो भी जातक आपकी पूजा करेगा उसे मेरे द्वारा निर्मित दोषों से राहत मिलेगी।तब से शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा शनि दोषों से मुक्ती देने में सहायक हो गई है।

 

शनि देव की पूजा विधि

घर पर शनिदेव की पूजा करने के लिए उनकी फोटो या मूर्ति आदि घर पर न लायें ऐसा करना वास्तु शास्त्र के विपरीत माना जाता है। शनिदेव की पूजा उनका स्मरण करते हुए मन ही मन ध्यान करना चाहिए। आइए जानते है शनिदेव की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए : –

 प्रतिदिन शनिदेव की पूजा करते है तो प्रात: काल स्नान आदि कर काले या नीले वस्त्र धारण करें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं इसमें थोड़े काले तिल अवश्य डाले। अब पूर्व दिशा की तरफ मुख करके आसन बिछाकर बैठ जाएं। शनि मंत्र के जप, हनुमान जी के मन्त्र जप,शनि चालीसा का पाठ करें। इसके बाद हनुमान जी का स्मरण करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करें। शनि देव की विशेष पूजा के लिए शनिवार का दिन शुभ माना गया है।शनिवार के दिन सुबह-सुबह पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और वहां तेल का दीपक जलाएं। शनिवार के दिन शनिमंदिर जाएं किन्तु शनिदेव जहां शिला रूप में विराजमान है।उस स्थान पर उन्हें तेल अर्पित करें तेल का दीपक जलाएं। शिलारुपी शनिदेव को काले तिल, काली उड़द और लोहा और काले वस्त्र अर्पित करें।शनिदेव की प्रतिमा के बिल्कुल सामने कभी न जाएं व उनकी आंखों में कभी न देखे। शनिदेव की प्रतिमा के थोड़े दाई या बायीं तरफ से झुककर उन्हें प्रणाम करने और प्रसाद के रूप में रेवड़ी,इमारती,या कचोरी अर्पित करें अब दान पात्र में कुछ धन अवश्य डालें। शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु इस मंत्र के अधिक से अधिक जप करने चाहिए ।

 

ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: 
शनिवार के दिन शनिदेव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेकर व्रत करने से भी शनिदेव अतिप्रसन्न होते है। किसी गरीब की सहायता करना, बिना स्वार्थ के दान कार्य करना, किसी का अहित न करना और अपना आचरण सही रखना यह सब करने से शनि देव सबसे अधिक प्रसन्न होते है। सही मायने में यही शनिदेव की सबसे बड़ी पूजा है।

Created On :   12 Dec 2018 6:19 AM GMT

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