शीतला सप्तमी आज, रोगों को दूर करने के लिए इस तरह करें पूजा

today is Sheetla Saptami, read about its rituals and importance
शीतला सप्तमी आज, रोगों को दूर करने के लिए इस तरह करें पूजा
शीतला सप्तमी आज, रोगों को दूर करने के लिए इस तरह करें पूजा

 

डिजिटल डेस्क । चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी पर मां शीतला की पूजा-अर्चना की जाती है। इसी कड़ी में गुरुवार को देशभर में शीतला सप्तमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। होली के बाद पहली सप्तमी या अष्टमी को इस पर्व को मनाया जाता है। इस पर्व का उल्लास सबसे ज्यादा उत्तर भारत में देखने को मिलता है। इस दिन घर की महिलाएं सुबह-सुबह उठकर शीतला माता की पूजा-अर्चना करती हैं। इस व्रत को बासौड़ा भी कहा जाता है, क्योंकि आज के दिन घर में बासी भोजन बनता है और सभी बासी भोजन ही करते हैं।

रोग का करती हैं निवारण

वैसे तो हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी व्रत त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, लेकिन कुछ दिन खास होते हैं जिनकी जीवन में बहुत अधिक मान्यता होती है। शीतला सप्तमी इन्हीं खास दिनों में से एक है। शीतला माता खास कर उत्तर भारत में रोगों को दूर करने वाली मानी जाती हैं। चिकन पॉक्स यानि चेचक नामक रोग को आम बोलचाल की भाषा में माता ही कहा जाता है। शीतला माता की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहे इसलिये शीतला सप्तमी-अष्टमी का उपवास भी रखा जाता है और इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है। इस उपवास की खास बात यह है कि इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलता और माता के प्रसाद सहित पूरे परिवार के लिये भोजन एक दिन पहले ही बनाया जाता है। इसी कारण इसे बसौड़ा, बसौरा भी कहा जाता है।


कैसे की जाती है शीतला सप्तमी की पूजा?

 

1. सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर ठंडे पानी से नहाएं।
2. व्रत का संकल्प लें और शीतला माता की पूजा करें। 
3. पूजा और स्नान के वक्त "हृं श्रीं शीतलायै नमः" मंत्र का मन में उच्चारण करते रहें, बाद में कथा भी सुनें। 
4. माता को भोग के तौर पर रात को बनाए मीठे चावल चढ़ाएं।

क्या है शीतला माता के भोग में खास

इस दिन शीतला माता को मीठे चावल, हल्दी, चने की दाल आदि का भोग लगाया जाता है। मीठे चावल को आज के दिन गन्ने के रस से बनाया जाता है जिसे शीतला माता को चढ़ाया जाता है। 

 

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शीतला सप्तमी की कथा :

एक गाँव में एक बूढी माँ व उसकी दो बहुओं ने शीतला सप्तमी के दिन माँ का पावन व्रत रखा। उस दिन सभी को बासी भोजन ग्रहण करना था। इसलिये पहले दिन ही भोजन पका लिया गया था। लेकिन दोनों बहुओं को कुछ समय पहले ही संतान की प्राप्ति हुई थी कहीं बासी भोजन खाने से वे व उनकी संतान बिमार न हो जायें इसलिये बासी भोजन ग्रहण न कर अपनी सास के साथ माता की पूजा अर्चना के पश्चात पशओं के लिये बनाये गये भोजन के साथ अपने लिये भी रोट सेंक कर उनका चूरमा बनाकर खा लिया। जब सास ने बासी भोजन ग्रहण करने की कही तो काम का बहाना बनाकर टाल गई। उनके इस कृत्य से माता कुपित हो गई और उन दोनों के नवजात शिशु मृत मिले। जब सास को पूरी कहानी पता चली तो उसने दोनों को घर से निकाल दिया। दोनों अपने शिशु के शवों को लिये जा रही थी कि एक बरगद के पास रूक विश्राम के लिये ठहर गई। वहीं पर ओरी व शीतला नामक दो बहनें भी थी जो अपने सर में पड़ी जूंओं से बहुत परेशान थी। दोनों बहुओं को उन पर दया आयी और उनकी मदद की सर से जूंए कम हुई तो उन्हें कुछ चैन मिला और बहुओं को आशीष दिया कि तुम्हारी गोद हरी हो जाये उन्होंने कहा कि हरी भरी गोद ही लुट गई है इस पर शीतला ने लताड़ लगाते हुए कहा कि पाप कर्म का दंड तो भुगतना ही पड़ेगा। बहुओं ने पहचान लिया कि साक्षात माता हैं तो चरणों में पड़ गई और क्षमा याचना की, माता को भी उनके पश्चाताप करने पर दया आयी और उनके मृत बालक जीवित हो गये। तब दोनों खुशी-खुशी गांव लौट आयी। इस चमत्कार को देखकर सब हैरान रह गये। इसके बाद पूरा गांव माता को मानने लगा।


शीतला सप्तमी पर क्या रहेगा आपका राशि फलादेश?


राशि फलादेश मेष :-

चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम न उठाएं। क्रोध पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से बचें। धैर्य रखें।

राशि फलादेश वृष :-

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर में प्रसन्नता रहेगी। 

राशि फलादेश मिथुन :-

भूमि व भवन संबंधी कार्य बनेंगे। बेरोजगारी दूर होगी। आय के स्रोत बढ़ेंगे। फालतू खर्च होगा। प्रमाद न करें। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। 

राशि फलादेश कर्क :-

उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। चोट व रोग से बचें। नौकरी में कार्य की प्रशंसा हो सकती है।

राशि फलादेश सिंह :-

विवाद को बढ़ावा न दें। दु:खद समाचार मिल सकते हैं। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लाभ कम होगा। चिंता रहेगी। अपने काम से काम रखें। 

राशि फलादेश कन्या :-

कम प्रयास से कार्यसिद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। राज्यपक्ष से लाभ होगा। 

राशि फलादेश तुला :-
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। धनलाभ होगा। घर-परिवार की चिंता रहेगी। दांपत्य सुख प्राप्त होगा। 

राशि फलादेश वृश्चिक :-

अचानक लाभ होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बेरोजगारी दूर होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। 

राशि फलादेश धनु :-

फालतू खर्च होगा। विवाद न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। वस्तुएं संभालकर रखें। लाभ में कमी होगी। नई योजनाओं का सूत्रपात होने के योग हैं। 

राशि फलादेश मकर :-

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। आय के स्रोतों में वृद्धि होगी। घर में तनाव रहेगा। कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। 

राशि फलादेश कुंभ :-

यात्रा मनोरंजक रहेगी। नई नीति निर्माण होगा। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। चोट व रोग से बचें। व्यर्थ संदेह न करें। 

राशि फलादेश मीन :-

पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी में बाधा दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी न करें। अपने प्रयासों से उन्नति पथ प्रशस्त करेंगे।

Created On :   8 March 2018 3:17 AM GMT

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