सहकारी बैंक में बिना खाताधारक की जानकारी के होता रहा लेन-देन, कमिश्नर के आदेश पर शुरू हुई जांच

Transactions in cooperative bank without  knowledge of account holder
सहकारी बैंक में बिना खाताधारक की जानकारी के होता रहा लेन-देन, कमिश्नर के आदेश पर शुरू हुई जांच
सहकारी बैंक में बिना खाताधारक की जानकारी के होता रहा लेन-देन, कमिश्नर के आदेश पर शुरू हुई जांच

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा पपौंध में बैंक अधिकारियों का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। खाताधारक की जानकारी के बिना ही खाते से लेन-देन होता रहा। खाताधारक ने जब आपत्ति दर्ज कराई तो उससे जबरन बाउचर पर हस्ताक्षर करा लिए गए। मामला कमिश्नर-कलेक्टर तक पहुंचा। रविवार से इसकी जांच शुरू हो गई है।

जबर्दस्ती बाउचर पर हस्ताक्षर करा लिए

पथरेही निवासी प्रहलाद कचेर पुत्र रामधनी कचेर के मुताबिक उसका खाता (685008056801) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा पपौंध में है। वह इसी खाते से लेन-देन करता आ रहा है। 22 दिसंबर 2016 की स्थिति में उसके खाते में 57 हजार 456 रुपए जमा थे। मई 2018 में उसके मोबाइल में मैसेज आया कि खाते में एक लाख 8 हजार रुपए जमा हुए हैं। उसने सोचा बाण सागर डूब का मुआवजा या पत्नी के निधन के बाद का बीमा क्लेम आया होगा। 29 जून को वह बैंक से पैसा निकालने गया तो बताया गया कि उसका खाता बंद हो चुका है। फिर से शुरू कराने के लिए पैसे जमा करने होंगे। उसने तत्काल 200 रुपए जमा कराए। इस दौरान बैंक कर्मचारी ने उससे जबर्दस्ती बाउचर पर हस्ताक्षर करा लिए। पूछने पर कोई जवाब नहीं दिया। वहीं बैंक स्टेटमेंट भी नहीं दिया गया।

5 हजार निकाला तो 13 हजार कम हो गए

जून 2018 में प्रहलाद के खाते में 67 हजार रुपए थे। 3 जुलाई 2019 को जब उसने अपने खाते से 5 हजार रुपए निकाले तो उसके खाते में 54 हजार रुपए शेष बचे, जबकि 62 हजार रुपए शेष बचने थे। इस बीच उसने किसी तरह की निकासी नहीं की थी। उसने बैंक वालों से जानकारी मांगी तो उन्होंने कुछ नहीं बताया। इसके बाद उसने मामले की शिकायत कमिश्नर, कलेक्टर और एसपी कार्यालय में की। इसमें खाते की विस्तृत जांच कराने की मांग की गई है।

एक सप्ताह में देनी है रिपोर्ट  

कमिश्नर आरबी प्रजापति ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। 8 अगस्त को जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि सीईओ स्वयं जांच करें तथा आवेदक का कथन लेकर व बैंक का रिकॉर्ड देखकर विधि अनुसार कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के भीतर अवगत कराएं।

इनका कहना है

कमिश्नर कार्यालय से मामले की जांच के लिए निर्देशित किया गया है। शिकायतकर्ता को भी बैंक में बुलाया गया है। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सैयद महमूद अहमद, प्रभारी सीईओ

Created On :   19 Aug 2019 7:53 AM GMT

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