यहां किन्नर परोसते हैं खाना और संभालते हैं पूरा कैफे  

transgenders serve food and handle the entire cafe in navimumbai
यहां किन्नर परोसते हैं खाना और संभालते हैं पूरा कैफे  
यहां किन्नर परोसते हैं खाना और संभालते हैं पूरा कैफे  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कृष्णा शुक्ला। किन्नरों का काम शादी ब्याह के मौकों पर बधाई देने या ट्रेनों, बसों, दुकानों में लोगों से पैसे मांग कर गुजारा करने तक सीमित नहीं रहा। बलकी नई मुंबई के एक रेस्टोरेंट में किन्नर खाना परोसते देखे जा सकते हैं। ट्रांसजेंडर को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए पहल की गई है। दो सप्ताह पहले खुले ‘थर्ड आई’ नाम के इस कैफे में फिलहाल 6 किन्नरों को नौकरी पर रखा है। जिससे उनके जीवन में अलग तरह से बदलाव आ रहा है। 

यूं आया आइडिया

‘थर्ड आई’ नामक कैफे में किन्नर कर्मचारी ही ग्राहकों को खाना परोसते हैं। रसोईघर संभालने की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर है। इस कैफे में कुल 20 कर्मचारी हैं। कैफै मालिक निमेश शेट्‌टी के मुताबिक वे आर्किटेक की पढाई के दौरान मैं एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। उस दौरान उनकी नजर किन्नरों की बदहाली पर पड़ी। इसके बाद उन्होंने किन्नरों के लिए काम करने वाली कई गैर सरकारी संस्थाओं से सम्पर्क किया। इसमे समाजसेविका गौरी सावंत से काफी सहयोग मिला। शेट्‌टी कहते हैं कि, उन्होंने तय किया कि किन्नरों को लेकर लोगों के मन में बनी धारणा बदलना जरुरी है। यह तभी संभव होगा जब उन्हें बेहतर रोजगार मिले’ 

केवल हिंदी भाषा का होगा प्रयोग

शेट्‌टी ने बताया कि पिताजी पहले से होटल इंडस्ट्री में थे। इसलिए कैफै खोलने में कठिनाई नहीं हुई। कई देशों का दौरा कर चुके शेट्‌टी ने बताया कि उन्होंने तय किया कि  कैफे में कर्मचारियों द्वारा केवल हिंदी भाषा बोली जाएगी। अभिवादन के लिए गुडमार्निंग-गुड इवनिंग की बजाय नमस्कार का प्रयोग होगा। हालांकि जिन ग्राहकों हिंदी समझने में दिक्कत होती हैं, उनसे हम अंग्रेजी में बात करते हैं।  

लोग कर रहे सराहना

किन्नरों को काम का प्रशिक्षण दिया गया है। वे ज्यादा पढे-लिखे नहीं है। लेकिन किन्नरों को रोजगार देकर सकारात्म पहल की है। ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। आज युवा पीढी काफी परिपक्व है। वह यह नहीं देखती है कि किसे काम पर रखा गया है। अब तक कैफे में आनेवाले लोगों से प्रबंधन को अच्छा प्रतिसाद मिला है। आनेवाले लोगों ने इस पहल की सराहना कर रहे हैं। 

Created On :   7 Jan 2018 12:28 PM GMT

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