बस में बीच रस्ते में दिया बच्चे को जन्म, बाद में साइकिल और ऑटो से पहुंचे अस्पताल

Tribal woman gave birth to child in a public transportation bus
बस में बीच रस्ते में दिया बच्चे को जन्म, बाद में साइकिल और ऑटो से पहुंचे अस्पताल
बस में बीच रस्ते में दिया बच्चे को जन्म, बाद में साइकिल और ऑटो से पहुंचे अस्पताल

डिजिटल डेस्क, पन्ना। यहां एक प्रसूता आदिवासी महिला की पन्ना से तकरीबन 8 किमी दूर ग्राम खजरी कुड़ार में बस में ही डिलेवरी हो गयी। बस में अप्रिय स्थिति में डिलेवरी होने के बाद प्रसूता महिला और उसका नवजात बच्चा जो डिलेवरी हो जाने के बाद भी गर्भनाल से जुड़े हुए थे। परिजनों को बस से उतरने के बाद दोनो को ऑटों में बिठा कर जिला अस्पताल ले जाना पड़ा और जिला अस्पताल की नर्स ने बाहर आ कर जिला अस्पताल के मुख्य द्वार स्थित फर्श पर लेटी महिला और उसके बच्चे के बीच संपर्क की गर्भनाल साड़ी का पर्दा लगा कर मर्यादा सुरक्षित करते हुए अलग की गयी। प्रसव वेदना के साथ ही उसकी यात्रा इतनी कष्टदायक थी कि प्रसूता आदिवासी महिला इस अंतराल के दौरान यह नही समझ पायी कि उसने जिस शिशु को जन्म दिया वह बेटी है या बेटा।

पहले साईकिल से तय किया 5 किमी का सफर
प्रसूता श्रीमती नर्मदा आदिवासी पति हीरालाल आदिवासी जिसकी ससुराल बृजपुर थाना अंतर्गत है, को पहला बच्चा ऑपरेशन से जिला अस्पताल में हुआ था। इसके बाद जब दूसरा बच्चा आया तो वह अपनी बेहतर देखभाल के लिये अजयगढ़ तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम श्रीशोभन चली गयी। जहां वह अपनी मां के पास रह रही थी आज सुबह प्रसूता नर्मदा की प्रसव पीड़ा बढ़ गयी जिसके बाद उसके मायके के लोगो ने पन्ना जिला अस्पताल ले जाने के लिये 108 जननी एक्सप्रेस से संपर्क किया गया, परंतु जननी एक्सप्रेस को लेकर यह जानकारी मिली कि वह किसी दूसरी डिलेवरी को अटैंड कर रही थी। नर्मदा का पहला बच्चा चूंकि ऑपरेशन से हुआ था इसके चलते वह अपनी इस डिलेवरी को लेकर बेहद ही चिन्तित थी।

जननी एक्सप्रेस नहीं मिलने और श्रीशोभन से कोई वाहन नही मिलने पर नर्मदा का भाई उसे साईकिल पर बिठाकर 5-6 किमी दूर अजयगढ़-पन्ना मार्ग स्थित सिंहपुर बस स्टॉप तक ले गया। मां ने बेटी की हालत को देखते हुए उसकी चाची को भी उसके साथ भेज दिया। प्रसव वेदना के साथ नर्मदा को पन्ना आने के लिये बस स्टॉप में बस का इंतजार करना पड़ा और जब पन्ना की ओर आ रही बस दिखी तो वह अपनी चाची तथा अन्य एक महिला के साथ सिंहपुर से बस में सवार हो गयी। भीषण पड़ रही इस गर्मी के मौसम में पसीने से लतपत प्रसुता बस में बैठ कर पन्ना के लिये पहुंच रही थी कि पन्ना से 7 किमी पहले बस में ही उसकी डिलेवरी हो गयी। इसके बाद बस रूकी और गर्भनाल से जुड़े मां तथा बच्चे को उसके मायके की चाची तथा अन्य महिला द्वारा घेरा बनाते हुए महिलाओं की मदद से नीचे उतार कर ऑटों में बैठाया गया और ऑटों से वे लोग अस्पताल पहुंचे।

अस्पताल के मुख्य द्वार में ऑटों से उतरने के बाद अस्पताल की नर्स तक जानकारी पहुंची जिसने बाहर आ कर साड़ी का पर्दा सामने रखते हुए मां तथा शिशु के बीच जुड़ी गर्भनाल को काटते हुए अलग किया गया। इसके बाद उसके साथ आयी महिला बच्चे को तुरंत अस्पताल के अंदर भर्ती कराने को ले गयी। करीब 20 मिनिट तक फर्श मे लेटे रहने के बाद महिला नर्मदा को भी उसके परिजन डिलेवरी वार्ड में ले गये।

 

Created On :   15 Jun 2018 11:52 AM GMT

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