चीन ने कहा - ट्रंप को पच नहीं  रही 'बैलिस्टिक मिसाइल'

Trump’s wrong tweet no help to solving NK nuke issue
चीन ने कहा - ट्रंप को पच नहीं  रही 'बैलिस्टिक मिसाइल'
चीन ने कहा - ट्रंप को पच नहीं  रही 'बैलिस्टिक मिसाइल'

डिजिटल डेस्क,बीजिंग। उत्तर कोरिया ने दो दिन पहले "बैलिस्टिक मिसाइल" का परीक्षण कर विश्व में हड़कंप मचा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने शनिवार को ट्विटर पर अपना गुस्सा और निराशा प्रकट की। ट्रंप ने साफ़ कहा कि उन्हें चीन से बहुत निराशा हुई है। हमारे देश के पूर्व नेता उन्हें व्यापार में करोड़ों डॉलर कमाने की छूट देते रहे हैं और चीन उत्तर कोरिया के मामले में अमेरिका के लिए सिवाय बातों के कुछ नहीं करता है। ये सब बहुत ज्यादा समय तक नहीं चल सकता है। चीन इस समस्या को आसानी से हल कर सकता है पर पता नही क्यों नहीं कुछ कर रहा है।

चीन का अमेरिका पर पलटवार 
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक आर्टिकल में कहा गया है कि ट्रंप के ट्वीट से उनके मूड का पता चलता है।अब उत्तर कोरिया ने "बैलिस्टिक मिसाइल" का परीक्षण किया है, जो अमेरिकी सीमा तक पहुंच सकता है। ये बात ट्रंप को पच नहीं  रही है, और विश्व के ताकतवर देश होने के नाते ये उनके लिए शर्मिंदगी का विषय बन गया है, जिन्होंने उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर और मिसाइल कार्यक्रमों को अपनी डिप्लोमेटिक प्राथमिकताओं में बहुत ऊपर रखा है।

नौसिखिया हैं अमेरिकी राष्ट्रपति
ग्लोबल टाइम्स के अनुसार ट्रंप ये कहते हैं कि चीन इस समस्या को आसानी से हल कर सकता है, ये बातें दिखाती हैं कि ऐसा बयान सिर्फ नौसिखिया अमेरिकी राष्ट्रपति ही दे सकता है, जिसे किसी भी बात की कोई खास जानकारी ना हो। उन्हे उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के बारे में कुछ भी पता नहीं है। प्योंगयांग इस बात पर दृढ़ निश्चय है कि उसे अपना परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम विकसित करना है और उसे अमेरिका-चीन की सैन्य धमकियों से कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में चीन के प्रतिबंधों से उस पर क्या फर्क पड़ेगा?

चीन का सम्मान करे अमेरिका

इसके आगे लेख में लिखा गया है कि अमेरिका अगर इस समस्या को सोल्व करने में चीन की मदद चाहता है। तो उसे पहले चीन के प्रस्ताव का सम्मान करना चाहिए. चीन उत्तर कोरिया से बातचीत के जरिए इसका हल करने की कोशिश कर रहा है और अमेरिका प्योंगयांग पर सैन्य दबाव बना रहा है। चीन के साथ तालमेल बैठाने के लिए अमेरिका को यथार्थ के धरातल पर खड़ा होना होगा। चीन लगातार प्योंगयांग से परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम छोड़ने की मांग कर रहा है।अमेरिका को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और चीन पर इस बात का दबाव नहीं बनाना चाहिए कि अमेरिका की सुरक्षा के लिए वह अपना राष्ट्रीय हित छोड़ दे।

मार्केट को लेकर धमकी ना दें अमेरिका
लेख के मुताबित ये साफ लिखा गया है कि अमेरिका के लिए बेहतर होगा कि वह व्यापार के मामले में चीन को धमकी न दे। चीन के अपने व्यापारिक हितों की सुरक्षा करने में सक्षम है। अमेरिका-चीन के व्यापार को उत्तर कोरिया के परमाणु मुद्दे से जोड़ना बेवकूफी है।

 

Created On :   31 July 2017 5:34 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story