संसदीय समिति के सामने पेश होने से ट्विटर CEO ने किया इनकार

संसदीय समिति के सामने पेश होने से ट्विटर CEO ने किया इनकार
संसदीय समिति के सामने पेश होने से ट्विटर CEO ने किया इनकार
संसदीय समिति के सामने पेश होने से ट्विटर CEO ने किया इनकार
हाईलाइट
  • ट्विटर के CEO और शीर्ष अधिकारियों ने आईटी की संसदीय समिति के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है।
  • भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने एक फरवरी को ट्विटर को समन जारी किया था।
  • समिति ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर बुलाया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ट्विटर के CEO और शीर्ष अधिकारियों ने आईटी की संसदीय समिति के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है। समिति ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर बुलाया था। पैनल सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने एक फरवरी को आधिकारिक पत्र के माध्यम से ट्विटर को समन जारी किया था।

संसदीय समिति की बैठक 7 फरवरी को होने वाली थी, लेकिन बाद में ट्विटर के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारियों के इनकार के बाद इसे स्थगित कर 11 फरवरी कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में ट्विटर की तरफ से कहा गया है कि उन्हें पेश होने के लिए बेहद शॉर्ड पीरियड का नोटिस दिया गया है इसीलिए उन्हें अभी और समय चाहिए। इसीलिए समिति ने ट्विटर को 10 दिनों का समय दिया है।

1 फरवरी को संसदीय आईटी समिति के ट्विटर के भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि "यह ध्यान दिया जाए कि संगठन के प्रमुख को समिति के समक्ष उपस्थित होना है"। इसमें आगे कहा गया है कि "वह एक अन्य प्रतिनिधि को भी साथ ला सकते हैं।"

संसदीय आईटी समिति को 7 फरवरी को ट्विटर के कानूनी, नीतिगत, विश्वास और सुरक्षा विभाग की वैश्विक प्रमुख विजया गड्डे से एक पत्र मिला, जिसमें कहा गया था की "ट्विटर इंडिया के लिए काम करने वाला कोई भी व्यक्ति भारत में कंटेंट और अकाउंट से जुड़े हमारे नियमों के संबंध में कोई प्रभावी फैसला नहीं करता है।"

लेटर में कहा गया है कि, "संसदीय समिति के सामने ट्विटर के प्रतिनिधित्व के लिए किसी जूनियर कर्मचारी को भेजना भारतीय अधिकारियों को अच्छा नहीं लगा, खासकर ऐसे में जब उनके पास फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं है।"

यह ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिकों की डेटा गोपनीयता और चुनाव हस्तक्षेप को सुरक्षित रखने के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं।

 

Created On :   9 Feb 2019 3:25 PM GMT

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