अवैध रूप से रह रही दो बांग्लादेशी महिलाओं को मिली एक साल की सजा 

Two Bangladeshi women living without authentic document, convicted for 1 year
अवैध रूप से रह रही दो बांग्लादेशी महिलाओं को मिली एक साल की सजा 
अवैध रूप से रह रही दो बांग्लादेशी महिलाओं को मिली एक साल की सजा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिना किसी वैध दस्तावेज के भारत में रह रही दो बांग्लादेशी महिलाओं को ठाणे की एक अदालत ने एक-एक साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। दोनों को पिछले साल जुलाई में मीरारोड इलाके से गिरफ्तार किया गया था। सहायक सत्र न्यायधीष एचबी शेलके ने दोनों आरोपियों को सजा सुनाई। दोषी ठहराई गई मुमताज रसूल शेख (45) और मुनीरा अख्तर हुसैन (30) मूल रूप से बांग्लादेश के नोदैल जिले की रहने वाली हैं। दोनों को पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) नियम 1950 की संबंधित धाराओं के तहत दोषी पाया गया। अतिरिक्त लोकअभियोजक उज्जवला मोहोल्कर ने अदालत को बताया कि मानव तस्करी विरोधी शाखा में तैनात पुलिसकर्मियों ने दोनों महिलाओं को 15 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया था। दोनों झुग्गी बस्ती में रहतीं थीं और मजदूरी करतीं थीं। इनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे। दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोनों महिलाओं को दोषी करार दिया और कैद और जुर्माने की सजा सुनाई। 

Created On :   30 March 2018 2:36 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story