जादू-टोना के संदेह में दो परिवारों को किया बहिष्कृत, बच्चों के साथ छुड़वाया गांव

two family punished due to superstition case in chandrapur village
जादू-टोना के संदेह में दो परिवारों को किया बहिष्कृत, बच्चों के साथ छुड़वाया गांव
जादू-टोना के संदेह में दो परिवारों को किया बहिष्कृत, बच्चों के साथ छुड़वाया गांव

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।  वैज्ञानिक युग में भी ग्रामीण अंचल आज भी अंधश्रद्धा के चंगुल में फंसे हुए हैं। चंद्रपुर के चिमूर में एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें जादूटोना के संदेह में दो परिवारों को मजबूरन गांव छोड़ना पड़ा।  चिमूर तहसील के कपर्ला गांव में बीते 2 वर्षों से जादूटोने के संदेह में 2 परिवारों को प्रताड़ित किए जाने का मामला सामने आया है। यह भी खबर मिली है कि, बीते सप्ताह जब गांव के एक व्यक्ति की मृत्यु हुई तो इन्हीं दोनों परिवारों पर संदेह किया गया। शव यात्रा में अर्पित फूलों को ले जाकर पुन: जादूटोना करने का संदेह जताते हुए देर रात उनके घरों पर ग्रामीण मोर्चा ले गए। पीड़ितों की रात खौफ के साये में बीत गई। सुबह जब गांव के पंचों के समक्ष पंचायत बैठक हुई  500  ग्रामीणों के सामने सरेआम जादूटोने के संदेह में इन 2 परिवारों के मुखिया को पीटा गया।

चर्चा है कि पीडि़तों ने भिसी थाने में मौखिक शिकायत दी, परंतु थानेदार ने पीड़ितों को ही अपना रवैया ठीक करने की हिदायत दे दी। पीड़ितों के अनुसार कपर्लावासियों के कहने पर पुलिस ने उनके  ही खिलाफ अपराध दर्ज कर उन्हें धमकाया। ग्रामीणों के बहिष्कार व पुलिस की नीति से तंग आकर अपने बच्चों के साथ  गांव छोड़ दिया अब उनके घरों पर ताले जड़े हुए हैं।  

पुलिस नहीं दे रही ध्यान, स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे

जादूटोने के संदेह में पूरा गांव प्रताडि़त करने पर तुल गया तो पुलिस से शिकायत की, परंतु उन्होंने उलटे पीड़ितों पर ही भादंवि की धारा 107  के तहत मामला दर्ज कर धमकाया। पीड़ितों को गांव छोडऩा पड़ा तो उनके बच्चों का स्कूल छूट गया। अस्थायी स्कूल में दाखिल कराया पर बच्चे अपने गांव लौटना चाहते हैं, उन्हें जादूटोना जैसी कुप्रथाओं की समझ भी नहीं है।

थानेदार कहते हैं शिकायत नहीं

गांव से 2 परिवारों को जादूटोना करने के आरोप में बहिष्कार कर दिए जाने की शिकायत को लेकर जब भिसी पुलिस थाने के थानेदार मंगेश काले से पूछताछ की गई तो उन्होंने साफ तौर पर किसी भी प्रकार की मौखिक या लिखित शिकायत मिलने की बात से इनकार कर दिया। जबकि पीडि़तों ने स्वयं मौखिक शिकायत दी थी। गांव से बेदखल किए जाने के बाद अपने घर लौटने एवं11  आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाने वाली लिखित शिकायत उन्होंने थाने में दी है। बाकायदा इसकी रिसिवड कॉपी भी उन्होंने प्राप्त की है। 

दोनों परिवारों ने गांव का माहौल बिगाड़ा, इसलिए की कार्रवाई  

जादूटोना विरोधी कानून के सारे प्रावधान मुझे पता हैं। गांव का वह आपसी मामला है। आपसी विवाद के चलते ग्रामीणों की शिकायत मिली। उन २ परिवारों ने गांव का माहौल बिगाड़ दिया था, इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। उनकी पिटाई करने की कोई शिकायत थाने को नहीं मिली है। इस मामले की विस्तार से जानकारी नहीं दी जा सकती। पुलिस स्वयं शिकायतकर्ता है, इसलिए उन दोनों परिवारों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। इन पर गांव को डिस्टर्ब करने का आरोप है। इन्होंने कैसे डिस्टर्ब किया यह हम नहीं बता पाएंगे। जादूटोना की शिकायत थाने को नहीं मिली, इसलिए उस कानून के तहत कार्रवाई करने का सवाल ही नहीं उठता।
- मंगेश काले, थानेदार, पुलिस स्टेशन, भिसी

 

Created On :   29 Oct 2018 10:11 AM GMT

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