परिजनों की फटकार के बाद फरीदाबाद से भागी लड़कियां सतना में मिली

Two Girls missing from Faridabad recovered in Satna
परिजनों की फटकार के बाद फरीदाबाद से भागी लड़कियां सतना में मिली
परिजनों की फटकार के बाद फरीदाबाद से भागी लड़कियां सतना में मिली

डिजिटल डेस्क सतना। माता-पिता की डांट-फटकार को अपनी आजादी में बाधक मानने  वाले बच्चों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। जरा-जरा सी बात पर घर छोडकऱ भाग निकलने, जान देने, नशे की लत में पडऩे के मामले आए दिन सामने आ रहें हैं। ऐसा ही एक प्रकरण सतना पुलिस के पास आया जहां परिजन की डांट से नाराज होकर हरियाणा के फरीदाबाद जिले की 2 किशोरियां भागकर सतना आ गई। गनीमत रही कि गलत हाथों में पडऩे से पहले पुलिस के एक जिम्मेदार अधिकारी की नजर में आ गईं जिन्होंने तत्परता दिखाते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए उनकी घर वापसी का मार्ग प्रशस्त करा दिया।
क्या है मामला
जिला पुलिस की विशेष शाखा में तैनात पुलिस अधिकारी नारायण सिंह हमेशा की तरह सोमवार सुबह टहलने के लिए सिविल लाइन थाने के बगल में बनीं चौपाटी पहुंचे तो पार्क के एक कोने में बैठी 2 लड़कियां दिखीं जिनके चेहरों पर घबराहट साफ झलक रही थी, तब उन्होंने करीब जाकर पूछतांछ की तो गोल-मोल जवाब देने लगी। फिर भी श्री सिंह ने इतना पता कर लिया कि किशोरियां हरियाणा के फरीदाबाद जिले से भागकर यहां पहुंची हैं। यह खबर तुरंत ही पुलिस कप्तान राजेश हिंगणकर तक पहुंचाई गई तो एसपी ने सीएसपी वीडी पांडेय और महिला थाना प्रभारी सरला मिश्रा को निर्देशित कर लड़कियों के संबंध में तमाम जानकारी जुटाकर घर वापसी कराने के निर्देश दे दिए।
जिधर की मिली ट्रेन उधर ही चल पड़ीं
डरी-सहमी लड़कियों ने सीएसपी व महिला थाना प्रभारी को भी काफी देर तक घुमाया। अपने नाम, पते से लेकर यहां पहुंचने की फर्जी कहानी तक सुना दी। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह उनको सुरक्षा का भरोसा दिलाया, तब जाकर मंजू पिता संजू 14 वर्ष और रानी पिता रमेश 14 वर्ष (सभी नाम परिवर्तित) निवासी जिला फरीदाबाद हरियाणा ने हकीकत से पर्दा उठाते हुए बताया कि पढऩे-लिखने को लेकर माता-पिता ने डांट दिया था जिससे नाराज होकर 12 जनवरी को कुछ रूपए लेकर घर से भागकर रेलवे स्टेशन पहुंची और ट्रेन में बैठ गई। सफर के दौरान खाने-पीने में पैसे खर्च हो गए और टिकट भी नहीं थी। लिहाजा घबराकर सोमवार सुबह ट्रेन के सतना पहुंचते ही प्लेटफार्म पर उतर गई और घूमते हुए चौपाटी पहुंच गई।
पुलिस के साथ आए परिजन
किशोरियों के बयान लेने के साथ ही परिजन के फोन नंबर हासिल करते हुए महिला थाना प्रभारी ने दोनों के माता-पिता से संपर्क किया तो पता चला कि 12 जनवरी को उनके गायब होने के अगले दिन टाउन-3 की पुलिस चौकी में आईपीसी की धारा 363 के तहत अपहरण के तहत दर्ज कराई गई थी। सतना पुलिस से मिली जानकारी के बाद मंजू के पिता और रानी की मां फरीदाबाद पुलिस के प्रधान आरक्षक लोकराम और महिला आरक्षक सबीना के साथ यहां आने के लिए निकल पड़े, मंगलवार सुबह सतना पहुंचकर सीएसपी वीडी पांडेय और महिला थाना प्रभारी से संपर्क कर कागजी कार्यवाही के बाद बेटियों को लेकर रीवा-आनंद बिहार टे्रन से वापस लौट गए। परिजन ने बच्चियों को सही सलामत मिलने पर सतना पुलिस के अधिकारियों की तत्परता और सूझबूझ की जमकर तारीफ की।

 

Created On :   17 Jan 2018 7:57 AM GMT

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