सरकारी वारदाानों में भरी दो हजार बोरी अवैध धान पकड़ी गई  

Two thousand bags of illegal paddy caught in government incidents
सरकारी वारदाानों में भरी दो हजार बोरी अवैध धान पकड़ी गई  
सरकारी वारदाानों में भरी दो हजार बोरी अवैध धान पकड़ी गई  

 डिजिटल डेस्क सीधी। जिले के कमर्जी थाना अंतर्गत ग्राम कमर्जी में आज चुरहट नायब तहसीलदार द्वारा छापामार कार्रवाई कर 2 हजार बोरा धान जप्त की गई है। सरकारी शील लगी बोरो में जप्त की गई धान का नायब तहसीलदार द्वारा पंचनामा तैयार कर वहीं के स्थानीय व्यक्ति को सुपुर्द कर दिया है, जांच हेतु पूरा मामला खाद्य विभाग को सौंपा गया है। ज्ञात हो कि ग्राम कमर्जी में लगभग 2 हजार बोरा धान सरकारी बोरो मे संदिग्ध अवस्था में रखी थी, सरकारी शील लगे बोरे भी इसी वर्ष के बताये जाते है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने तहसीलदार व खाद्य विभाग से की थी, शिकायत प्राप्त होने पर प्रशासनिक अमला मौके पर जांच हेतु पहुंंचा था, जहां कुछ लोगों ने बताया कि यह धान किसानों की है जिसे समिति में बिक्री हेतु यहां रखा गया है, किंतु यह स्पष्ट नहीं हो सका कि सरकारी बोरो में शीलबंद धान किस किसान की है। फिलहाल मामला अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सका है, कल जांच के बाद ही बात साफ होगी।  
समिति सेवक ने रखी है धान
कमर्जी गांव के निवासी शिकायतकर्ता पन्नालाल सिंह ने बताया कि उक्त धान कमर्जी ससिति सेवक जीतेन्द्र सिंह द्वारा व्यापारियों से खरीदी कर रखी गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन किसानों का पंजीयन हो चुका है उनकी धान नहीं ली गई, बल्कि जिनका पंजीयन नहीं हुुआ है, उन्हें सरकारी वारदाना उपलब्ध कराकर धान खरीदी की जा रही है। और समिति सेवक अपने घर को ही खरीदी केन्द्र बनाकर अवैध रूप से धान खरीद रहे हैं, और उन्हीं के घर में हजारों बोरा धान रखी हुई है। 
धान जप्त कर बनाया गया पंचनामा
मौके पर पहुंचे चुरहट नायब तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला ने मामले के संबंध मेें जानकारी देते हुए बताया कि दूरभाष द्वारा यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि ग्राम कमर्जी में सरकारी बोरो में भारी धान भारी मात्रा में अवैधानिक रूप से रखी हुई है, स्थल पर पहुंचने पर कमर्जी सहकारी समिति सेवक के घर के पास ही लगभग 2 हजार बोरा धान पाई है, धान सरकारी बोरो में थी, वहां पूछने पर यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह धान किसकी है, बोरो में भरी धान की जप्ती बनाकर पंचनामा तैयार कर लिया गया है, जिसकी सूचना भी खाद्य विभाग को दे दी गई है, अब जांच के बाद  ही स्पष्ट होगा कि धान किसकी है।
 

Created On :   2 Dec 2019 2:27 PM GMT

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