नागपुर: करोड़ों खर्च कर दी जाएगी स्मार्ट सुविधाएं, स्टूडेंट्स करेंगे डिजिटल लर्निंग

UGC will spent crores for digital learning and smart studies
नागपुर: करोड़ों खर्च कर दी जाएगी स्मार्ट सुविधाएं, स्टूडेंट्स करेंगे डिजिटल लर्निंग
नागपुर: करोड़ों खर्च कर दी जाएगी स्मार्ट सुविधाएं, स्टूडेंट्स करेंगे डिजिटल लर्निंग
हाईलाइट
  • अभियान के तहत रिसर्च और स्मार्ट स्टडी को स्थान देते हुए करोड़ों रुपए बांटे
  • यूजीसी ने राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विवि में भी शुरू किया सर्वेक्षण
  • विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी मिलेगा फायदा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  डिजिटल युग में शिक्षा व्यवस्था भी हाईटेक हो गई है। ऐसे में विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में स्मार्ट क्लासरूम, ई-लाइब्रेरी, ऑडियो-वीडियो लेक्चर, कांफ्रेंसिंग जैसी सुविधाओं पर जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत रिसर्च और स्मार्ट स्टडी को स्थान देते हुए करोड़ों रुपए की निधि देश भर के विश्वविद्यालयों में बांटी गई है। इससे विद्यार्थियों को डिजिटल लर्निंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

मूल्यांकन करने सर्वेक्षण शुरू
अब तक इस दिशा मेंं किए गए प्रयासों का मूल्यांकन करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में डिजिटल टेक्नोलॉजी पर सर्वेक्षण शुरू किया है। इस सर्वेक्षण के तहत शिक्षा संस्थानों में डिजिटल बोर्ड, टीवी स्क्रीन, एलसीडी प्रोजेक्टर, लाभार्थी विद्यार्थियों की संख्या पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 

सर्वेक्षण के सवाल, यूजीसी ने तैयार किए 
इस सर्वेक्षण में  पूछा गया है, कि क्या आप डिजिटल बोर्ड का इस्तेमाल करते हैं? संस्थान  ऐसे कितने बोर्ड लगे हैं?  एलसीडी प्रोजेक्टर कितने  हैं? टीवी स्कीन कितनी है? मानव संसाधन विकास मंत्रालय, यूजीसी आदि की ओर से तैयार कराए गए कितने ऑनलाइन लेक्चर दिखाए गए? कब से इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं? साथ ही इसका लाभ कितने छात्रों और शिक्षकों को अब तक मिला है? 

उठाए जा सकते हैं कड़े कदम
यूजीसी पहले भी डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल को लेकर विश्वविद्यालयों और संस्थानों को निर्देश देती रही है। इसके लिए बाकायदा संस्थानों को फंडिंग भी दी गई है। लेकिन यदि इतना करने के बाद भी जो विश्वविद्यालय और कॉलेज डिजिटल टेक्नोलॉजी से किनारा कर रहे हैं, संभव है कि भविष्य में उन पर कार्रवाई होगी।  साथ ही इन्हें दी जाने वाली वित्तीय मदद को भी रोकने का फैसला लिया जा सकता है। 

यूजीसी की ऐसी है योजना
यूजीसी के अनुसार उच्च संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए उन्हें तकनीक से लैस करना जरूरी है, क्योंकि इसके बगैर वह देश-दुनिया की नई जानकारियों से वंचित रहेंगे। इसे लेकर सभी कक्षाओं को डिजिटल तकनीक से जोड़ना जरूरी है। डिजिटल तकनीक में भारतीय क्लासरूम की तस्वीर बदलने की क्षमता है। इसके उपयोग से विद्यार्थी केंद्रित और विद्यार्थियों के सहभाग से परिपूर्ण शिक्षा प्रणाली खड़ी की जा सकती है। यूजीसी टेक्नोलॉजी को क्रांतिकारी मानते हुए शिक्षा संस्थाओं में इसके प्रचार-प्रसार पर जोर दे रही है। 

Created On :   8 Nov 2018 5:27 AM GMT

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