न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता के लिए भारत का समर्थन करने के लिए तैयार ब्रिटेन

न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता के लिए भारत का समर्थन करने के लिए तैयार ब्रिटेन
हाईलाइट
  • NSG ग्रुप में शामिल होने के लिए भारत साबित की योग्यता- ब्रिटेन
  • न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता के लिए भारत का समर्थन करेगा ब्रिटेन
  • भारत की सदस्यता को लेकर चीन ने किया विरोध

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (NSG) की सदस्यता के लिए बिना किसी शर्त के ब्रिटेन भारत का समर्थन करने के लिए तैयार है। ब्रिटेन की ओर से कहा गया है कि भारत ने NSG ग्रुप में शामिल होने के लिए खुद की योग्यताओं और क्षमताओं को साबित किया है। राजनीतिक सूत्रों के मानें तो, ब्रिटेन भारत को जिम्मेदार देश के रूप में देखता है। यही वजह की वह भारत का समर्थन करने के लिए तैयार है। 

हालांकि चीन ने भारत की सदस्यता को लेकर विरोध किया है, लेकिन भारत इस विरोध के बाद भी नए सिरे से NSG में अपनी अपनी एंट्री को लेकर प्रयासरत है। पिछले महीने अमेरिका के साथ 2+2 डायलॉग और अमेरिका द्वारा भारत को टियर-1 देशों में शामिल किए जाने के बाद भारत यह मानकर चल रहा है कि अमेरिका NSG में उसकी एंट्री के लिए साथ देगा। 

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु व्यापार का काम NSG की निगरानी में ही होता है। गुरुवार को एक उच्चस्तरीय मीटिंग के बाद ब्रिटेन की ओर से कहा गया है कि, भारत के पास NSG का सदस्य होने के लिए जरूरी प्रतिष्ठा और योग्यता है और हम मानते हैं कि उसे इस ग्रुप का सदस्य होना चाहिए। अब यह चीन ही बता सकता है कि उसे भारत की सदस्यता को लेकर क्या आपत्ति है। 

पाकिस्तान के व्यवहार की चिंता न करे भारत
सुरक्षों के मामलों में भारत ने पाकिस्तान और उत्तरी कोरिया के संबंधों पर भी सवाल उठाए। जिस पर ब्रिटेन ने कहा, कि भारत को पाकिस्तान के वर्तमान व्यवहार और परिस्थितयों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। उत्तरी कोरिया से संबंधों को लेकर ब्रिटेन ने कहा है कि यह भी किसी तरह की कोई समस्या नहीं आने वाली है। सूत्रों के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया और ईरान के मुद्दों पर भारत और ब्रिटेन एक जैसी अप्रोच रखते हैं। गुरुवार को वार्ता के बीच ब्रिटेन ने भारत के उस फैसले पर हैरानी जताई, जब भारत ने ब्रिटेन के प्रस्ताव का विरोध किया था। दरअसल, यह प्रस्ताव केमिकल हथियारों के इस्तेमाल से खतरों के विषय पर था, भारत ने इसके विरोध में वोट किया था। 

 

Created On :   28 Sep 2018 2:09 AM GMT

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