MeToo: MJ अकबर ने खटखटाया दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा

MeToo: MJ अकबर ने खटखटाया दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा
हाईलाइट
  • 10 महिला पत्रकारों ने लगाया है यौन उत्पीड़न का आरोप
  • अकबर ने कहा था कि इसमें विपक्ष का कोई एजेंडा हो सकता है
  • आपराधिक मानहानि का मामला भी दायर कर सकते हैं अकबर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने सोमवार को कोर्ट का रुख अपना लिया है। उन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है। इससे पहले नाइजीरिया से लौटने के बाद अकबर ने रविवार को सफाई भी दी थी। उन्होंने कहा था कि सभी आरोप आम चुनाव से पहले ही क्यों उठे हैं। अकबर ने कहा था कि इसमें विपक्ष का कोई एजेंडा हो सकता है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री पर 10 महिला पत्रकारों ने MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण का आरोप लगाया है। ये आरोप उस समय के हैं, जब एमजे अकबर मीडिया संस्थानों में ऊंचे ओहदे पर थे। पत्रकार प्रिया रमानी, गजाला वहाब, शुमा राहा, अंजु भारती और शुतापा पॉल जैसी पत्रकारों ने उन पर आरोप लगाए हैं।

 

रविवार को अकबर ने कहा कि जब चुनाव आने में एक साल से भी कम वक्त बचा है, तभी यह बातें क्यों उठी हैं। उन्होंने कहा, "इसमें कोई पॉलिटिकल एजेंडा तो नहीं है। आप इस बात को इस नजरिए से भी देख सकते हैं और जज कर सकते हैं। मेरे ऊपर लगे इन झूठे और बिना तथ्य के आरोपों से मेरे प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा है। अकबर ने कहा कि कुछ लोगों को बिना किसी तथ्य और सबूत के आरोप लगाने की बीमारी है। उन्होंने कहा, "इससे पहले मैं ऑफिशियल टूर पर विदेश में था, इसलिए कोई जवाब नहीं दे पाया। अब जब मैं वापस आया हूं तो आगे निश्चित तौर पर झूठे आरोप लगाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करूंगा। मेरे वकील इन सभी बेबुनियाद आरोप के खिलाफ अपील करेंगे।

 

पहले क्यों नहीं लिया मेरा नाम?: अकबर
अकबर ने कहा, "प्रिया रमानी ने यह कैंपेन एक साल पहले शुरू किया था। उन्होंने यह कैंपेन एक मैग्जीन में आर्टिकल देकर शुरू किया था। उन्होंने उस वक्त मेरा नाम क्यों नहीं दिया? ऐसा इसलिए क्योंकि वह जानती थी कि यह एक झूठी कहानी है। जब प्रिया से हाल ही में किसी ने पूछा कि उन्होंने उस वक्त अकबर का नाम क्यों नहीं लिया, तो उन्होंने ट्वीट कर बताया कि अकबर ने कभी कुछ किया ही नहीं इसलिए। जब मैंने कुछ नहीं किया तो यह स्टोरी किस लिए है? जब ऐसी कोई चीजें हुई ही नहीं, इसके बावजूद अटकलों का एक समूद्र तैयार किया गया। इनमें से कुछ सुनी-सुनाई बातें हैं और कुछ तो एकदम स्पष्ट हैं कि मैंने कुछ नहीं किया।  

 

मुझे स्वीमिंग नहीं आती, पार्टी कैसे कर सकता हूं?

अकबर ने कहा, "झूठ के कोई पांव नहीं होते पर उसमें जहर होता है और इसे किसी भी तरह अपने मतलब के अनुसार घुमाया जा सकता है। शुतापा पॉल कहती हैं अकबर ने कभी हाथ तक नहीं लगाया। शुमा राहा कहती हैं कि अकबर ने कभी कुछ नहीं किया। वहीं अंजू भारती ने दावा किया कि मैं स्वीमिंग पूल में पार्टी कर रहा था। मुझे स्वीमिंग आती तक नहीं है, इसके बावजूद मैं पार्टी कैसे करूंगा पता नहीं। गजला वहाब ने जो आरोप लगाया उसपर मैं कहना चाहूंगा कि एशियन एज का ऑफिस काफी छोटा था और मेरा केबिन पारदर्शी था, जिसमें प्लाईवुड और शीशे लगे थे और जगह भी कम थी। अब आप ही सोचें कि जब ऑफिस चल रहा हो उस वक्त इन सभी चीजों को ध्यान में रखते कोई ऐसा कैसे कर सकता है। यह सभी आरोप निराधार हैं। अकबर ने कहा, "मैं बताना चाहूंगा कि मिस प्रिया और मिस वहाब के तथाकथित यह सब होने के बाद भी उस ऑफिस में काम करती रहीं थीं। इसका मतलब है कि उन्हें वहां कोई दिक्कत नहीं थी। मुझे नहीं पता कि यह सब होने के बावजूद वह इतने सालों तक चुप क्यों रहीं, जबकि मिस रमानी ने कहा मैंने कुछ नहीं किया।

Created On :   15 Oct 2018 3:06 AM GMT

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