अच्छी खबर: वर्क लोड कम करने अनुकंपा नियुक्तियों पर जोर दे रही यूनिवर्सिटी

University emphasizing compassionate appointments to reduce workload
अच्छी खबर: वर्क लोड कम करने अनुकंपा नियुक्तियों पर जोर दे रही यूनिवर्सिटी
अच्छी खबर: वर्क लोड कम करने अनुकंपा नियुक्तियों पर जोर दे रही यूनिवर्सिटी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी अपना वर्क लोड कम करने के लिए नई प्रणाली लागू करने की तैयारी कर रही है। यूनिवर्सिटी में अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने वालों की लंबी वेटिंग लिस्ट है। इन्हें जल्द ही यूनिवर्सिटी कांट्रैक्ट बेसिस पर कामकाज सौंप सकता है। फिलहाल राज्य सरकार ने यूनिवर्सिटी में नई नियुक्तियों पर रोक लगा रखी है। नागपुर विद्यापीठ में हर महीने 7 से 8 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में तेजी से कम होता स्टाफ और नई नियुक्तियों पर रोक के कारण यूनिवर्सिटी के विविध विभागों का वर्क लोड बढ़ता जा रहा है।

युवाओं को मिलेगा लाभ
यूनिवर्सिटी द्वारा वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को नियम 462 के तहत डेली वेजेज पर फिर से काम पर बुलाया जाता है। अब नई योजना के अनुसार यूनिवर्सिटी अपने यहां नियम 462 पर नियुक्ति कर्मचारियों को अलविदा कह कर ऐसे युवाओं को मौका देगा, जो अनुकंपा नियुक्ति की वेटिंग लिस्ट में हैं। उद्देश्य है कि इससे जरूरतमंद परिवारों को मदद मिलेगी, साथ ही यूनिवर्सिटी को युवा कर्मचारियों की नई फौज भी मिलेगी।

इस कार्य के लिए नागपुर यूनिवर्सिटी कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है, जो इस नई योजना पर मंथन कर रही है। जानकारी के अनुसार अगले 6 से 8 महीने में यह योजना लागू कर दी जाएगी। फिलहाल नागपुर यूनिवर्सिटी के विविध विभागों में करीब 100 सेवानिवृत्त कर्मचारी काम कर रहे हैं। 

आए-दिन मिलती हैं शिकायतें
नागपुर यूनिवर्सिटी में अनुकंपा नियुक्तियों के मामले में पारदर्शिता का अभाव होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। हाल ही में विवि प्रशासन से ऐसी ही एक शिकायत की गई है। इस प्रकरण में विधायक अाशीष देशमुख ने भी कुलगुरु डॉ. काणे को पत्र सौंप कर मामले का संज्ञान लेने की विनती की। स्वयं दिवंगत कर्मचारियों के परिवारजनों का आरोप है कि जानबूझ कर कुछ लोग उनकी नियुक्तियां रोक रहे हैं। कई सालों से स्वयं के वेटिंग लिस्ट में होने और अपने बाद आए आवेदकों को पहले नियुक्तियां मिल जाने को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इसी असंतोष को कम करके जरूरतमंदों को राहत देने का प्रयास यूनिवर्सिटी कर रहा है। 

लग सकता है 6 से 8 माह का समय
स्थाई नियुक्तियां बंद होने के कारण हमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पास बुला कर काम करवाना पड़ रहा है। कई बार सेवानिवृत्त कर्मचारी वापस काम पर आने को तैयार नहीं होते। ऐसे में हमने निर्णय लिया है कि अनुकंपा नियुक्तियों की वेटिंग लिस्ट में जाे उम्मीदवार हैं, उन्हें कांट्रैक्ट बेसिस पर लाएं। अभी इस दिशा में मंथन शुरू हुआ है। इसे अंतिम रूप देने में 6 से 8 माह का समय लगेगा। 
(डॉ. नीरज खटी, प्रभारी कुलगुरु नागपुर विश्वविद्यालय) 

Created On :   27 Aug 2018 7:28 AM GMT

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