नहीं तो व्यापमं की तरह घोटाला बनेगा मूल निवासी का घालमेल

Untimely action will be a scam like business, integrating native resident
नहीं तो व्यापमं की तरह घोटाला बनेगा मूल निवासी का घालमेल
नहीं तो व्यापमं की तरह घोटाला बनेगा मूल निवासी का घालमेल

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। चिकित्सा शिक्षा में दाखिले के लिए मूल निवासी की बाध्यता के हो रहे उल्लंघन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने कहा है। याचिका में दावा किया गया है कि मूल निवासी का यह घोटाला व्यापमं की तरह ही है और यदि अभी इस पर अंकुश न लगाया गया तो यह आगे चलकर काफी बड़ा रूप लेगा। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने मामले की सुनवाई स्टूडेंट तारिषी वर्मा की याचिका के साथ 24 अगस्त को करने के निर्देश दिए हैं।
 

यह याचिका भोपाल निवासी विनायक परिहार की ओर से दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि 26 सितंबर 2016 को हाईकोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा में प्रवेश संबंधी मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि सरकारी कोटे की सीटों पर सिर्फ और सिर्फ एमपी के ही स्टूडेंट्स को एडमिशन दिए जाएं। आवेदक के अनुसार इस साल होने वाले दाखिलों के लिए नई नीति बनाई गई और उसमें सरकारी कोटे की सीटों में एमपी के ही स्टूडेंट्स को एडमिशन देने के नियम बनाए गए। याचिका में आरोप है कि 27 जुलाई और 18 व 19 अगस्त को हुई दो दौर की काउंसलिंग में बड़ी संख्या में उन स्टूडेंट्स को सरकारी कोटे की सीटों पर एडमिशन दिया गया, जो एमपी के मूल निवासी ही नहीं हैं। आरोप है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ये एडमिशन दिए गए, जिससे एमपी के वास्तविक हकदारों को दाखिले से वंचित होना पड़ रहा है। इस बारे में याचिकाकर्ता ने 8 अगस्त को सभी संबंधितों को पूरे ब्यौरे के साथ उन स्टूडेंट्स के नाम दिए, जिन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दाखिला पाया है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर करके पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की गयी है। 
 

मामले पर मंगलवार को याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट आदित्य संघी और राज्य सरकार की ओर से शासकीय एडवोकेट अमित सेठ हाजिर हुए। श्री सेठ ने डबल बेंच को बताया कि इसी मामले से संबंधित एक याचिका तारिषी वर्मा की ओर से दायर हुई है, जिस पर जस्टिस झा की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी कर अंतरिम आदेश भी पारित किया है। इस पर डबल बेंच ने इस जनहित याचिका की सुनवाई भी उस मामले के साथ 24 अगस्त को करने और सेठ को पक्ष रखने के निर्देश दिए।

Created On :   22 Aug 2017 6:26 PM GMT

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