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महाराष्ट्र दिवस पर गांवों में पानी के लिए श्रमदान करेंगे शहरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई । महाराष्ट्र दिवस इस बार खास अंदाज में मनाया जाएगा। पानी की समस्या को देखते हुए सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता आमिर खान के ‘पानी फाउंडेशन’ की प्रेरणा से इस बार 1 मई को लाखों की संख्या में महाराष्ट्र के शहरी लोग गांवों में जाकर पानी के लिए श्रमदान करते हुए ‘महाराष्ट्र दिवस’ मनाएंगे।
अनोखी प्रतियोगिता भी होगी
महाराष्ट्र के सूखा ग्रस्त इलाकों में ‘पानी फाउंडेशन’ द्वारा एक अनोखी प्रतियोगिता चलाई जा रही है। इसके तहत जल संरक्षण का कीर्तिमान बनानेवाले गांवों को आमिर खान के हाथों ‘वाटर कप’ के साथ लाखों रुपये का इनाम भी मिलने वाला है। इस बार यह प्रतियोगिता महाराष्ट्र के 75 तहसीलों में चल रही है। ‘पानी फाउंडेशन’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्यजीत भटकल के अनुसार लगातार तीसरे वर्ष चलाए जा रहे इस अभियान में इस बार श्रमदान के लिए शहरी नागरिकों को भी जोड़ा जा रहा है।
‘पानी फाउंडेशन’ की वेबसाइट पर इस श्रमदान के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या अब तक लाख से ऊपर जा चुकी है। जबकि यह रजिस्ट्रेशन अभी 25 अप्रैल तक चलना है। वेबसाईट पर जाकर अंग्रेजी अथवा मराठी में आनलाइन फार्म भर श्रमदान के लिए जल मित्र बन सकते हैं। मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद और नागपुर जैसे महाराष्ट्र के बड़े नगरों सहित देश के अन्य भागों से भी लोग रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
इसलिए चुना यह दिन
भटकल बताते हैं कि इस अभियान के दौरान महसूस किया गया कि शहरी लोग भी आसपास के गांवों में जाकर पानी के लिए श्रमदान करना चाहते हैं। इसे देखते हुए एक मई का दिन चुना गया है। यह दिन महाराष्ट्र दिवस के रूप में भी मनाया जाता है और राज्य में इस दिन छुट्टी रहती है, इसलिए घर बैठकर छुट्टी मनाने की बजाय इस दिन लोगों को महाराष्ट्र के अपनी पसंद के किसी गांव में जाकर पानी के लिए श्रमदान करने की योजना इस अभियान में जोड़ी गई है। इसे लोगों द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है। ‘पानी फाउंडेशन’ की वेबसाइट पर जाकर अपनी पसंद का गांव चुननेवालों को 1 मई को उस गांव में पहुंचने पर ‘पानी फाउंडेशन’ के कार्यकर्ता उन्हें उस गांव में पहले से चल रही जल संरक्षण की किसी परियोजना में श्रमदान करवाएंगे।
गत वर्ष भी चलाया था अभियान
‘पानी फाउंडेशन’आमिर खान एवं उनकी पत्नी किरण राव द्वारा शुरू की गई पहल है। इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी। इसके तीसरे संस्करण की शुरुआत आठ अप्रैल से हो चुकी है, जो कि 22 मई तक चलेगी। 12 जनवरी को इसकी घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की उपस्थिति में हो चुकी है। इस वर्ष सत्यमेव जयते वाटर कप प्रतियोगिता में जल संरक्षण एवं वाटर शेड प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करनेवाले तीन प्रमुख गांवों को क्रमश: 75 लाख, 50 लाख एवं 40 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा प्रतियोगिता में भाग लेनेवाले हर तहसील के शीर्ष गांव को 10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इस प्रकार ‘पानी फाउंडेशन’ पूरी प्रतियोगिता पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
प्रतियोगिता शुरू होने से पहले ‘पानी फाउंडेशन’ से जुड़े लोग गांव-गांव में जाकर ग्रामवासियों को जल संरक्षण एवं वाटर शेड विकास के विज्ञान से अवगत कराएंगे, ताकि ग्रामवासी अपने श्रमदान से जल संरक्षण की मुहिम चला सकें। पिछले वर्ष सत्यमेव जयते वाटर कप प्रतियोगिता के दूसरे चरण में महाराष्ट्र के 30 तालुका में 1321 गांव शामिल हुए थे। इन गांवों में 8,361 करोड़ लीटर पानी की भंडारण क्षमता विकसित की गई। इसके तहत गांवों में सूखे पड़े तालाब, कुंओं को श्रमदान से और गहरा खोदकर वाटर रिचार्ज करना और छोटे छोटे चेक डैम बनाकर पानी का संरक्षण किया जाता है। 2017 का वाटर कप वर्धा जिले के छोटे से आदिवासी गांव काकडदरा ने जीता था। इस साल यह प्रतियोगिता महाराष्ट्र के 24 जिलों के 75 तहसीलों तक बढ़ा दी गई है।
Created On :   21 April 2018 12:08 PM GMT