आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है अमेरिका : रेक्स टिलरसन

US Secretary of State Rex Tillersons important to visit India
आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है अमेरिका : रेक्स टिलरसन
आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है अमेरिका : रेक्स टिलरसन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन अपने तीन दिवसीय दक्षिण एशियाई दौरे के तहत बुधवार को भारत पहुंचे। नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात के बाद उन्होंने पीएम मोदी से भी मुलाकात की। विदेश मंत्रालय द्वारा बयान जारी कर बताया गया कि द्वीपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खात्मे के लिए आपसी सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती सिर्फ आपसी फायदे के लिए नहीं है, यहक्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थायित्व के लिए बड़ी महत्वपूर्ण है।

इससे पहले रेक्स टिलरसन ने सुषमा स्वराज से मुलाकात की, जिसमें एच1बी वीजा और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद समेत कई बड़े मुद्दों पर बातचीत हुई। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात के बाद एक साझा प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित किया। अपनी प्रेस कान्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने रक्षा, आतंकवाद से निपटने के तरीकों, भारत-अमेरिका रणनीतिक साझीदारी और इंटरनेशनल ट्रेड जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर दोनों देशों के रूख को स्पष्ट किया।

टिलरसन ने दिया आतंक के खिलाफ साथ देने का वादा

  • दोनों देशों की दोस्ती को नया आयाम देने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद।
  • आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका, भारत के साथ। आतंकवाद को अब और सहन नहीं किया जाएगा।
  • अमेरिका भारत के तीव्र विकास का समर्थन करता है।
  • अमेरिका की एशिया की नई नीति में भारत अहम रोल निभाएगा।
  • भारत और अमेरिका अपने आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेंगे।
  • भारत के मिलिटरी आधुनिकीकरण में अमेरिका का सहयोग जारी रहेगा। अमेरिका ने F 16 और F 18 के लिए अच्छा प्रस्ताव दिया है।

सुषमा ने पाक को लताड़ा

  • भारत और अमेरिका इस बात पर सहमत हैं कि पाकिस्तान अपने यहां आतंकवादियों की शरणस्थली को तुरंत खत्म करे।
  • रक्षा कंपनियों के बीच औद्योगिक साझेदारियों को बढ़ाने पर विचार हुआ है।
  • कानूनी ढांचे में बदलाव कर रक्षा क्षेत्र में संयुक्त उत्पादन को आगे बढ़ाया जाएगा। 
  • दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी पर भी चर्चा हुई।
  • एच1बी वीजा पर भारत से अमेरिका गए लोगों पर भी बात हुई है। अमेरिका द्वारा कुछ भी ऐसा नहीं किया जाएगा, जिससे भारत के हितों पर आघात लगे।

इसके पहले रेक्स टिलरसन अफगानिस्तान और पाकिस्तान दौरे पर थे, जहां उन्होंने भारत की तारीफ कर पाकिस्तान तो कड़ा संदेश दिया था। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को सख्त लहजे में कहा था कि "उन्हें उनके देश में पल-बढ़ रहे आतंकवाद के खात्मे के लिए प्रयास करने होंगे।

चीन को इशारों-इशारों में समझाया

अपने इस तीन दिवसीय दौरे में टिलरसन ने चीन को भी सख्त संदेश दिया है। उन्होनें कहा, " साउथ चाइना सी में चीन की उकसाने वाली कार्रवाई इंटरनेशनल कानूनों और नियमों को चुनौती देती है जिनका अमेरिका और भारत सख्ती से पालन करता है।

भारत और अमेरिका के लिए अहम है ये दौरा

भारत पहुंचने से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने जिस तरह से पाकिस्तान और चीन को जिस सख्त लहजे में जवाब दिया है उससे साफ है कि अमेरिका उन देशों के मुकाबले भारत से ज्यादा दोस्ताना रिश्ते बढ़ाना चाहता है और उनकी दक्षिण एशिया नीति में भारत को केंद्र में रखकर ही नीति निर्धारण किया जा रहा है। इस दौरे में टिलरसन भारत और अमेरिका के दोस्ताना संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ राजनैतिक साझेदारी मजबूत करने पर भी बातचीत करेंगे। इसके साथ ही हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र की सुरक्षा में आपसी सहयोग बढ़ाने पर बातचीत की जाएगी।

बुधवार को सुषमा और रेक्स टिलरसन की बैठक में रक्षा, आतंकवाद निरोधक कार्यों, सुरक्षा, ऊर्जा तथा इंटरनेशनल ट्रेड के मुद्दों के साथ रणनीतिक महत्व वाले क्षेत्रों में आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर बातचीत हो सकती है। 

बीते दो महीनों में भारत पहुंचने वाले दूसरे अधिकारी

टिलरसन बीते दो महीने में भारत आने वाले ट्रंप सरकार के दूसरे सर्वोच्च अधिकारी हैं। पिछले ही महीने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भारत पहुंचे थे। टिलरसन के तीन दिन के भारत दौरे से पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस दौरान भारत और अमेरिका के रिश्ते और मजबूत होंगे।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान का दौरा कर पहुंचे भारत

मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के साथ मुलाकात में टिलरसन ने अमेरिका और पाक के द्विपक्षीय सहयोग और साझेदारी के साथ ही आर्थिक संबंधों को बढ़ाने और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की थी। यहां उन्होंने कहा था कि " पाक ऐसे कदम उठाए जिससे कि तालिबान और दूसरे आतंकी संगठनों को समर्थन मिलना बंद हो, पाकिस्तान के साथ अमेरिका के रिश्ते इसी शर्त पर निर्भर करते हैं।
 

Created On :   25 Oct 2017 4:15 AM GMT

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