प्राइवेट स्कूलों पर लगाम : 5 साल तक नहीं बदलेगी ड्रेस, 7-8% तक ही बढ़ेगी फीस

प्राइवेट स्कूलों पर लगाम : 5 साल तक नहीं बदलेगी ड्रेस, 7-8% तक ही बढ़ेगी फीस

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को एक बिल को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद प्राइवेट स्कूल अब पैरेंट्स से मनमानी फीस वसूल नहीं कर सकेंगे। मंगलवार को लखनऊ में यूपी कैबिनेट की मीटिंग हुई, जिसमें योगी सरकार ने "सेल्फ फाइनेंस्ड इंडिपेंडेंट स्कूल (रेगुलेशन ऑफ फीस) बिल-2018" को मंजूरी दी है, जिसमें प्राइवेट स्कूलों की फीस के लिए कुछ गाइडलाइंस तय किए गए हैं। इनका उल्लंघन करने पर जुर्माना और स्कूल की मान्यता तक रद्द करने का प्रावधान है। इस बिल के मुताबिक, अब प्राइवेट स्कूल 7-8% तक ही फीस बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही स्कूलों में 5 साल से पहले तक ड्रेस में भी कोई बदलाव नहीं कर सकते।

कौन-कौन से स्कूल आएंगे दायरे में?

मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में "सेल्फ फाइनेंस्ड इंडिपेंडेंट स्कूल (रेगुलेशन ऑफ फीस) बिल-2018" के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि "उत्तर प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की तरफ से फीस बढ़ाकर और दूसरी सुविधाओं के नाम पर वसूली जा रही मनमानी फीस से पैरेंट्स को राहत दिलाने के लिए यूपी सरकार ने इस बिल को मंजूरी दी है। इस बिल के दायरे में 20 हजार रुपए से ज्यादा की फीस वसूलने और पहली क्लास से लेकर 12वीं तक के सभी प्राइवेट और अल्पसंख्यक स्कूल आएंगे। सिर्फ प्री-स्कूल ही इस बिल के दायरे से बाहर होंगे।" उन्होंने बताया कि बिल के सभी प्रावधान एकेडमिक ईयर 2018-19 से ही लागू हो जाएंगे।

इस बिल में क्या हैं प्रावधान?

1. इस बिल में प्राइवेट स्कूलों के हर साल फीस बढ़ाने पर रोक लगाई गई है। बिल के मुताबिक, स्कूल अब सिर्फ 7-8% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकती। इसके साथ ही 12वीं क्लास तक सिर्फ एक ही बार एडमिशन फीस ली जा सकेगी।

2. अगर कोई स्कूल फीस बढ़ाना भी चाहता है, तो वो तभी बढ़ा सकेगा जब टीचर्स की सैलरी बढ़ाई जाएगी। अभी तक 100% तक फीस बढ़ा दी जाती थी, लेकिन अब 7-8% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते। इस बिल के दायरे में वो सभी स्कूल आएंगे, जो साल भर में 20 हजार से ज्यादा फीस लेते हैं।

3. ज्यादातर स्कूल अपने यहां कमर्शियल एक्टिविटी करते हैं, लेकिन उससे होने वाली इनकम की जानकारी नहीं देते थे। अब स्कूलों को अपनी इनकम की जानकारी देनी होगी। इससे स्कूल की इनकम बढ़ेगी, जिससे टीचर्स की सैलरी बढ़ेगी और बच्चों की फीस कम होगी।

4. इस बिल के बाद स्कूल अब सिर्फ रजिस्ट्रेशन फीस, एडमिशन फीस, एग्जाम फीस समेत 4 फीस ही ले सकते हैं। जबकि बस फीस, पिकनिक फीस, एजुकेशनल कैंप फीस तभी लिए जा सकेंगे, जब स्टूडेंट इन एक्टिविटिज़ में शामिल होंगे।

5. अभी तक स्कूल एक साल की फीस इकट्ठी ही लेते थे, लेकिन इस बिल के आने के बाद स्कूल 3 महीने या 6 महीने में इंस्टॉलमेंट पर फीस लेंगे।

6. इस बिल के बाद कोई भी स्कूल पैरेंट्स को किसी खास दुकान से ही बुक और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। इसके साथ ही स्कूल अब कम से कम 5 सालों तक अपनी यूनिफॉर्म में भी किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकते।

7. श्रीकांत शर्मा ने बताया कि अगर कोई भी स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो पहली बार में 1 लाख रुपए और दूसरी बार 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। जबकि तीसरी बार नियमों का उल्लंघन पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।

Created On :   4 April 2018 3:32 AM GMT

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