उत्तराखंड: RTI से मिली जानकारी, 50 में से सात IAS ने ही बताई संपत्ति

Uttarakhand Seven of 50 IAS disclose property information get by RTI
उत्तराखंड: RTI से मिली जानकारी, 50 में से सात IAS ने ही बताई संपत्ति
उत्तराखंड: RTI से मिली जानकारी, 50 में से सात IAS ने ही बताई संपत्ति

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड में तैनात कुल 50 आईएएस अधिकारियों में से मात्र सात ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को अपनी संपत्तियों का ब्योरा दिया है। बाकी अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा अभी छिपा रखा है। आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत सिंह गौनियां ने इस जानकारी की मांग की थी। हेमंत सिंह ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से यह खुलासा किया है। आरटीआई में बताया गया है कि 2016-17 के लिए एस रामास्वामी, डॉ. रणबीर सिंह, ज्योति नीरज खेंरवाल, आशीष जोशी, सोनिस, सुशील कुमार और डॉ. आऱ राजेश कुमार के अलावा अन्य अधिकारियों ने अपनी संपत्तियों का विवरण सार्वजनिक नहीं किया है।  

 

एक्टिविस्ट हेमंत सिंह को भेजे गए ये जवाब

आरटीआई के जवाब के मुताबिक, 2016-17 से अधिकारी Sparrow वेबसाइट में अपने डीएससी और ई-साइन के माध्यम से खुद ही संपत्ति की जानकारियां अपलोड करते हैं। जिन अधिकारियों ने जानकारी दी है, वह आरटीआई आवेदक हेमंत सिंह को दे दी गई है। 

 

 

 

संपत्ति का ब्योरा न देने पर रुक जाएगा प्रमोशन

बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड का एक आईएएस अफसर आयकर विभाग की रडार पर था। अफसर के पास 16 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और करीब एक करोड़ रुपये के हीरे होने की जानकारी मिली थी। इनकम टैक्स ने अधिकारी के खिलाफ प्राथमिक जांच भी पूरी कर ली है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड सरकार में अपर सचिव पद पर तैनात आईएएस अफसर के यूपी निर्माण निगम के एक अधिकारी और एक ठेकेदार के साथ गहरे संबंध रहे हैं। अफसर के परिवार के सदस्यों की ठेकेदार की फर्म में भी हिस्सेदारी भी बताई जा रही है।


उत्तराखंड में रिटायर्ड आईएएस अफसर भी आय से अधिक संपत्ति को लेकर जांच के घेरे में हैं। शासनादेश के मुताबिक सरकार ने ऐसे सभी अफसरों की सूची 31 मार्च तक विजिलेंस विभाग को देने के निर्देश दिए थे। सभी IAS, IPS और IFS अफसरों को समय से अपनी संपत्ति सरकार को बतानी होगी। ऐसा न करने के एवज में उनका न सिर्फ प्रमोशन रुक जाएगा बल्कि वे विदेश यात्रा पर भी नहीं जा सकेंगे। संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को विजिलेंस की तरफ से क्लीयरेंस नहीं दी जाएगी।  

Created On :   17 Jun 2018 3:13 PM GMT

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