गुजरात में 'कमल' खिलाने पहुंचे योगी, जानें क्या है इसके सियासी मायने

Uttarpradesh CM Yogi Aadityanath visits Gujarat for 2 days attend Gaurav Yatra
गुजरात में 'कमल' खिलाने पहुंचे योगी, जानें क्या है इसके सियासी मायने
गुजरात में 'कमल' खिलाने पहुंचे योगी, जानें क्या है इसके सियासी मायने

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाया है। इसके लिए सीएम योगी शुक्रवार से अपने दो दिन के दौरे पर गुजरात पहुंच गए हैं। यहां पर सीएम योगी "गुजरात गौरव यात्रा" में शामिल होने वाले हैं। इसके साथ ही वो कई रैलियों को एड्रेस भी करने वाले हैं और मीटिंग का कार्यक्रम भी रखा गया है। वलसाड़ पहुंचते ही योगी आदित्यनाथ ने एक रैली को संबोधित किया। सीएम योगी ने इस रैली में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि, कांग्रेस के शहजादे ने गुजरात की जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। बता दें कि "गुजरात गौरव यात्रा" 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी और 15 अक्टूबर तक चलेगी। इसके बाद 16 अक्टूबर को पीएम मोदी इस यात्रा का समापन करेंगे। 

राहुल जहां गए वहां कांग्रेस हारी

योगी आदित्यनाथ ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जिस-जिस जगह प्रचार करने गए, वहां कांग्रेस हार गई। योगी ने कहा कि पीएम मोदी गुजरात से वाराणसी गए और चुनाव जीते। वहीं भगवान कृष्ण भी यूपी से गुजरात आए थे। उन्होंने कहा कि गुजरात ने पिछले 20 सालों में बहुत विकास किया है। कांग्रेस सरकार में यहां पर 14 हजार रुपए प्रति व्यक्ति आय थी, लेकिन अब 1 लाख रुपए तक हो गई है। योगी ने इसके आगे कहा कि, बुलेट ट्रेन का विजन पीएम मोदी का है, कांग्रेस का नहीं। हमने यहां पर मोदी जी के नेतृत्व में विकास होते देखा है। गुजरात में जब बाढ़ आई थी, तो पीएम मोदी और अमित शाह आए थे, राहुल गांधी नहीं। योगी ने कहा कि राहुल अमेठी में पिछले 14 सालों में एक कलेक्टर ऑफिस नहीं बनवा पाए। 

क्या है योगी का कार्यक्रम? 

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उत्तरप्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपने दो दिन के दौरे पर गुजरात आ रहे हैं और रविवार को वापस लखनऊ लौटेंगे। शुक्रवार सुबह 10 बजे योगी आदित्यनाथ वलसाड़ पहुंचें, जहां वो "गुजरात गौरव यात्रा" में शामिल होंगे। इस दौरान योगी एक रैली को भी एड्रेस करने वाले हैं। इसके बाद सीएम योगी सूरत के चोरयासी विधानसभा क्षेत्र में भी एक रैली को एड्रेस करेंगे। यहां से सीएम योगी सूरत सर्किट हाउस जाएंगे, जहां वो रात में आराम करेंगे। शनिवार को सीएम से सूरत से भुज जाएंगे और यहां भी वो गौरव यात्रा में शिरकत करेंगे। दूसरे दिन भी योगी कई रैली को एड्रेस करने वाले हैं। इसके बाद वो कच्छ जाएंगे और यहां के बाद वो सीधे दिल्ली निकलेंगे। इसके बाद रविवार को सीएम योगी लखनऊ लौट जाएंगे। इस दौरे के बाद सीएम योगी दोबारा गुजरात दौरे पर आएंगे। बताया जा रहा है कि योगी का दूसरा दौरा अक्टूबर के आखिरी में या नवंबर की शुरुआत में हो सकता है। ये भी माना जा रहा है कि सीएम योगी गुजरात में 25-30 रैलियां कर सकते हैं। 

गुजरात में कमजोर हो रही है बीजेपी? 

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नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी ही पार्टी का चेहरा था और लोकसभा के बाद से दिल्ली को छोड़ दें, तो सभी राज्यों में बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा और जीता भी। गुजरात पीएम मोदी का गढ़ है और यहां वो 2002 से लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनते रहे हैं। जब तक मोदी गुजरात में थे, तब तक वहां बीजेपी काफी मजबूत थी, लेकिन मोदी के दिल्ली जाने के बाद बीजेपी गुजरात में कमजोर होती चली गई। मोदी के बाद आनंदीबेन और फिर विनय रुपाणी को सीएम बनाया गया, लेकिन पार्टी अब काफी कमजोर हो गई है। 2002, 2007 और फिर 2012 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में कमल खिला, लेकिन अब मोदी की इमेज में बदलाव आया है, लोगों का मानना है कि राज्य में बीजेपी काफी कमजोरी होती जा रही है। इसके साथ ही लोकसभा में मोदी ने गुजरात के विकास का जो मॉडल पेश किया था, वो अब फेल हो गया है। विपक्ष के बाद अब जनता को भी इस मॉडल पर शक होने लगा है, जिसने बीजेपी को कमजोर बनाया है। इसके अलावा नोटबंदी, GST ने बीजेपी को और कमजोर बनाया है, जिसका नुकसान उसे विधानसभा चुनाव में हो सकता है। 

क्या गुजरात में मजबूत हो रही है कांग्रेस? 

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अगर हम गुजरात में कांग्रेस की मजबूती की बात करें तो इसमें कोई शक नहीं है कि कांग्रेस की हालत में बीते दिनों काफी बदलाव देखने को मिला है। जिस तरह से कांग्रेस उपाध्यक्ष रैलियों में पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साध रहे हैं, अब जनता राहुल की बातों को सीरियस लेने लगी है। गुजरात में कांग्रेस की "नवसर्जन यात्रा" को जनता का काफी समर्थन मिला। राहुल गांधी भी गुजरात में एक के बाद एक दौरे कर रहे हैं और यहां पर हर वर्ग को टारगेट कर रहे हैं। हाल ही में राहुल ने अपने दौरे में स्टूडेंट, आदिवासी, बिजनेसमैन और आम जनता सभी को टारगेट पर रखा और सबके साथ मीटिंग और चर्चा की। कई लोगों का तो ये भी मानना है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस बार पीएम मोदी से आगे चल रहे हैं और इस बार गुजरात में कांग्रेस को वापसी की उम्मीद है। राहुल गांधी ने अपने गुजरात कैंपेन की शुरुआत द्वारकाधीश मंदिर से की। इसके बाद पीएम मोदी भी इस मंदिर में आए। यानी कल तक पीएम मोदी जहां जाते थे, वहां राहुल गांधी बाद में जाते थे, लेकिन अब उल्टा हो गया है। आगे चलने वाले लोग अब पीछे हो गए हैं। इसके साथ ही राज्यसभा चुनाव में भी अहमद पटेल का जीत जाना, कांग्रेस के लिए संजीवनी बूटी साबित हुआ है। अहमद पटेल की जीत ने गुजरात में कांग्रेस को एक उम्मीद की किरण दिखाई है, साथ ही इससे पार्टी वर्कर्स का भी कॉन्फिडेंस बढ़ा है। 

योगी को गुजरात में क्यों उतार रही है बीजेपी? 

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उत्तरप्रदेश में बीजेपी ने चुनाव पीएम मोदी के दम पर लड़ा और पूर्ण बहुमत के साथ जीता भी। इसके बाद राज्य में हिंदुत्ववादी योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया। सीएम योगी शुरु से ही अपने कामों से देशभर में चर्चा में रहे। उन्हें अगला "मोदी" तक समझा जाने लगा। योगी आदित्यनाथ की छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की है और बीजेपी इस बार गुजरात में एक बार फिर से "हिंदुत्व" को हथियार बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। गुजरात में मोदी ने 2002 और 2007 में हिंदुत्व को आगे रखकर ही चुनाव लड़ा और जीता, लेकिन 2012 में मोदी ने "विकास" की बात की। इसी विकास को मोदी ने लोकसभा चुनाव में आगे रखा, लेकिन अब यही विकास फेल हो गया है। "विकास" के नाम पर बीजेपी की किरकिरी हो रही है और बीजेपी हर हाल में गुजरात चुनाव जीतना चाहती है। गुजरात पीएम मोदी का गढ़ माना जाता है और अगर गुजरात में बीजेपी हारती है, तो इसका सीधा-सीधा मतलब यही निकलेगा कि मोदी की इमेज अब वो नहीं रही, जो पहले थी। बीजेपी के लिए ये चुनाव "नाक" का रह गया है। यही कारण है कि बीजेपी दोबारा से "हिंदुत्व" की तरफ आगे बढ़ी है, क्योंकि लोकसभा के साथ-साथ कई राज्यों में पार्टी को हिंदुत्व के दम पर ही जीत मिली है और इस कारण गुजरात में भी बीजेपी एक बार फिर हिंदुत्व का कार्ड चलने की तैयारी में है। इसके लिए पार्टी के पास योगी आदित्यनाथ से अच्छा नेता और कोई हो ही नहीं सकता। सीएम बनने के बाद योगी भले ही अपनी हिंदूवादी छवि से इनकार करते रहे हों, लेकिन आज भी वो एक कट्टर हिंदूवादी नेता ही हैं और लोगों के बीच खासकर हिंदुओं के बीच काफी लोकप्रिय भी हैं। इसलिए इस बार गुजरात में योगी आदित्यनाथ 25-20 रैलियों को संबोधित करने वाले हैं, ऐसी खबर है।

गुजरात में क्यों जरूरी है बीजेपी के लिए जीत ? 

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लोकसभा चुनाव-2019 से पहले गुजरात का चुनाव बीजेपी और पीएम मोदी के लिए "नाक" का सवाल है। पार्टी इस चुनाव को हर हाल में जीतना चाहती है, क्योंकि इस चुनाव का सीधा-सीधा असर 2019 में पड़ेगा। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति अब तक सफल रही है, लेकिन गुजरात का चुनाव इस बार उतना आसान नहीं है, जितना दिख रहा है। खुद बीजेपी भी इस बात को समझ चुकी है। राज्य में व्यापारियों की नाराजगी, दलित आंदोलन और पाटीदार आंदोलन ने बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। गुजरात में पिछले 22 सालों से बीजेपी सत्ता में है और अगर अब पार्टी हारती है, तो इससे उसे बहुत नुकसान होगा। पार्टी गुजरात में हारी, तो फिर लोकसभा में भी उसकी हालत कमजोर होगी। लेकिन उसके बावजूद माना जा रहा है कि पार्टी जमीनी स्तर पर काम कर रही है और काफी मजबूत है। हालांकि इन सब बातों का पता तो तब चलेगा, जब चुनावी नतीजे सामने आएंगे। 

Created On :   13 Oct 2017 3:02 AM GMT

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