जिस 'वंदेमातरम् गीत' ने स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया, उसे गाने में परेशानी क्यों : उपराष्ट्रपति

Venkaiah Naidu comment on objection of singing Vande Mataram
जिस 'वंदेमातरम् गीत' ने स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया, उसे गाने में परेशानी क्यों : उपराष्ट्रपति
जिस 'वंदेमातरम् गीत' ने स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया, उसे गाने में परेशानी क्यों : उपराष्ट्रपति

डिजिटल डेस्क, शिरडी। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने  देश में राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम्" गाने पर आपत्ति जताने वालों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जिस गीत ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लाखों भारतीयों को प्रेरित किया, उसे गाने में परेशानी क्यों होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "वंदे मातरम् गीत हमारी मातृभूमि (मां) का अभिवादन करता है, देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान इस गीत ने लाखों लोगों को प्रेरित किया था। इसे गाने में भला लोग क्यों आपत्ति जता रहे हैं।" वेंकैया नायडू ने यह बातें अहमदनगर जिले में कही। वे यहां शिरडी साईबाबा संस्थान द्वारा आयोजित ग्लोबल साईं मंदिर ट्रस्ट सम्मेलन का उद्घाटन करने आए थे।

सम्मेलन का उद्घाटन के बाद उपराष्ट्रपति ने कहा, "वंदे मातरम् गीत कोई धर्म से जुड़ा नहीं है। यह मातृभूमि की वंदना है। मां तस्वीर नहीं है बल्कि हमारी मातृभूमि है। ‘वंदे मातरम’ में मां को सलाम किया जाता है। इसे लेकर किसी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत देश विभिन्नता से भरा हुआ है, बावजूद इसके हम सब एक हैं। उन्होंने कहा, "हमारे देश में अलग जाति, अलग पंथ और अलग-अलग धर्म के बावजूद हम एक राष्ट्र, एक व्यक्ति और एक देश हैं।"

वेंकैया नायडू ने इस दौरान साईबाबा के हिन्दू या मुसलमान होने के मुद्दे को भी अप्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि संत साईंबाबा के हिंदू या मुसलमान होने का मुद्दा अनावश्यक है। वे एक सार्वभौमिक शिक्षक थे जो हिंदू धर्म और सूफीवाद के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का मिश्रण थे। नायडू ने कहा, "साईं बाबा ने मानवता की सेवा और अन्य लोगों के साथ शांति और सद्भाव के साथ रहने की सीख दी थी।साईंबाबा की इन्हीं शिक्षाओं को सभी लोगों द्वारा अपनाए जाने की जरूरत है और यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।" नायडू ने यह भी कहा कि मानवता की सेवा ईश्वर की सेवा है। 

Created On :   23 Dec 2017 6:46 PM GMT

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