वंदे मातरम न गाने पर नायडू की तीखी प्रतिक्रिया, हिंदू धर्म संस्कृति और परंपरा

Venkaiah naidu reaction on singing vande mataram denied by mayor
वंदे मातरम न गाने पर नायडू की तीखी प्रतिक्रिया, हिंदू धर्म संस्कृति और परंपरा
वंदे मातरम न गाने पर नायडू की तीखी प्रतिक्रिया, हिंदू धर्म संस्कृति और परंपरा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वंदे मातरम पर मचे बवाल पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर प्रदेश की एक महापौर द्वारा लिया गया यह फैसला कि स्थानीय निकायों की बैठकों से पहले "वंदे मातरम" गीत गाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पूछा कि "क्या अपनी मातृभूमि नहीं तो अफजल गुरु को सलाम करना चाहिए।" उन्होंने इस बारे में कहा कि वे सोचकर हैरान हैं कि कुछ लोग "वंदे मातरम" गाने से इंकार क्यों करते हैं। इस नारे का मतलब मातृभूमि को सलाम करना था।

 

 

हिंदू धर्म "हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा" है

 

उन्होंने कहा कि वंदे मातरम का अर्थ है मां तुझे सलाम, क्या समस्या है मां को सलाम करने में...उन्होंने महापौर पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वह अफजल गुरु को सलाम करना चाहते हैं। "उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने नई दिल्ली में वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल पर एक किताब जारी करते हुए यह बात कही। वेंकैया नायडू ने आगे जोर देते हुए कहा कि हिंदू धर्म "हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा" है। कुछ लोग इसे संकीर्ण अर्थ देते हैं और देशभक्ति, राष्ट्रवाद पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

मेरठ महापौर सुनीता वर्मा ने रद्द किया था आदेश


नायडू ने कहा, "मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि भारत माता की जय सिर्फ एक तस्वीर नहीं है, यह इस देश में रहने वाले सभी 130 करोड़ लोगों के बारे में है, उनकी जाति, रंग, पंथ और धर्म के बावजूद वे सभी भारतीय हैं।" बता दें कि मेरठ नगर निगम निगम की बैठकों से पहले एक निर्वाचित मेरठ महापौर सुनीता वर्मा ने बुधवार इस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें बैठक से पहले राष्ट्रीय गीत अनिवार्य किया गया था।

 

नगरपालिका बोर्ड के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय गान "जन गण मन" को बैठकों से पहले गाया जाएगा। वेंकैया नायडू ने कहा कि "हिंदुत्व पर उच्चतम न्यायालय के 1995 के फैसले का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि यह कोई धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। हमारी संस्कृति "वासुधैव कुटुम्बकम" सिखाती है जिसका मतलब है कि विश्व एक परिवार है। उन्होंने सिंघल पर कहा कि वह हिंदुत्व के समर्थकों में से एक थे और उन्होंने अपने जीवन के 75 वर्ष भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए समर्पित कर दिेए।

Created On :   8 Dec 2017 3:43 AM GMT

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