कसेगा शिकंजा : लालू पर एक और मामले पर जल्द आ सकता है फैसला

Verdict in third case against Lalu Prasad Yadav in Fodder scam expected this month
कसेगा शिकंजा : लालू पर एक और मामले पर जल्द आ सकता है फैसला
कसेगा शिकंजा : लालू पर एक और मामले पर जल्द आ सकता है फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले में देवघर ट्रेजरी केस में लालू को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगाया गया है और वो फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी से 35 करोड़ 62 लाख रुपए के गबन के एक और मामले में भी सुनवाई पूरी हो चुकी है और इसी महिने इस पर भी फैसला आ सकता है। बता दें कि लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े 5 मामलों पर केस चल रहा है, जिनमें से 2 पर फैसला आ चुका है।

सुनवाई पूरी, बस फैसले का इंतजार

चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी केस में रांची की सीबीआई स्पेशल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब बस फैसले का इंतजार है। करीब 950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी से 35 करोड़ 62 लाख रुपए की फर्जी तरीके से निकालने का आरोप है। बताया जा रहा है कि सीबीआई के स्पेशल जज स्वर्ण शंकर प्रसाद की कोर्ट में इस मामले में बहस पूरी हो चुकी है। बताया ये भी जा रहा है कि बुधवार को कोर्ट इस मामले में अपना फैसला भी सुरक्षित रख सकती है और जनवरी में ही इस पर फैसला भी आ सकता है।

पहले हो चुकी है 5 साल की सजा

चाईबासा ट्रेजरी से ही जुड़े एक अन्य मामले में लालू प्रसाद यादव को पहले 5 साल की सजा हो चुकी है। 3 अक्टूबर 2013 को रांची के सीबीआई जज प्रवास कुमार सिंह ने चाईबासा ट्रेजरी से 37 करोड़ 7 लाख की अवैध निकासी के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई थी और साथ ही 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। इसी मामले में लालू के अलावा डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को भी 4 साल कैद और 21 लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही लालू पर 11 साल तक चुनाव लड़ने पर भी बैन लगा दिया गया था। फिलहाल इस मामले में लालू जमानत पर रिहा हैं।

लालू के खिलाफ चल रहे हैं 5 मामले

चारा घोटाले से जुड़े 5 मामले लालू के खिलाफ चल रहे हैं। इनमें से 2 पर कोर्ट का फैसला आ चुका है। इनके अलावा लालू के खिलाफ रांची की सीबीआई कोर्ट में डोरंडा ट्रेजरी से 184 करोड़ रुपए की फर्जी निकासी, दुमका ट्रेजरी से 3 करोड़ 97 लाख और चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी के दो मामले हैं। इनमें पहला मामला 37 करोड़ 70 लाख का है, जिसमें लालू को 5 साल की सजा हो चुकी है और दूसरा मामला 35 करोड़ 62 लाख रुपए का है। इसके अलावा देवघर ट्रेजरी का केस है, जिसमें 89 लाख रुपए का गबन फर्जी तरीके से किया गया और हाल ही में इस पर फैसला आया है।

देवघर ट्रेजरी में लालू को साढ़े 3 साल की सजा

चारा घोटाले के देवघर ट्रेजरी केस में रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 23 दिसंबर को फैसला सुनाया था। इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था। कोर्ट के जज शिवपाल सिंह ने फैसला देते हुए 6 आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि लालू प्रसाद यादव समेत 16 लोगों को दोषी करार दिया था। जबकि लालू प्रसाद यादव की सजा का एलान 6 जनवरी को किया गया। कोर्ट ने लालू को साढ़े 3 साल की कैद और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। 16 दोषियों में से 10 को कोर्ट ने साढ़े 3 साल की कैद और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि 6 दोषियों को 7 साल की कैद और 10 लाख का जुर्माने की सजा दी है।

कौन-कौन हुए दोषी करार? 

23 दिसंबर को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने 16 लोगों को दोषी करार दिया है। इसमें बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, जगदीश शर्मा, आरके राणा, बेक जूलियस, आईएएस ऑफिसर फूलचंद सिंह और महेश प्रसाद, कृष्ण कुमार, ट्रजरी ऑफिसर सुबीर भट्टाचार्य को दोषी बनाया गया था। इसके अलावा त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, सुशील कुमार सिन्हा, सुनील कुमार सिन्हा, राजा राम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय अग्रवाल, ज्योति कुमार झा और सुनील गांधी को भी इस मामले में दोषी करार दिया गया था। जबकि इस मामले में 22 में 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। इसमें बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व पीएसी चेयरमैन ध्रुव भगत, पूर्व आईआरएस ऑफिसर एसी चौधरी, चारा सप्लायर सरस्वती चंद्रा और सदानंद सिंह और पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद को बरी कर दिया गया था।

क्या है चारा घोटाला? 

चारा घोटाला पहली बार साल 1996 में सामने आया, जब बिहार के पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था। उस वक्त लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। ये घोटाला तकरीबन 950 करोड़ रुपए का है। बताया जाता है कि चारा घोटाला 1984 से चला आ रहा था और कुछ अधिकारी फर्जी तरीके से सरकारी खजाने को खाली कर रहे थे। इस घोटाले को सबसे पहले 1993 में विधायक दिलीप वर्मा ने विधानसभा में उठाया था। इस घोटाले में पहली बार 27 जनवरी 1996 को चाईबासा थाने में केस दर्ज किया और बाद में पटना हाईकोर्ट ने 11 मार्च 1996 को इसे सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया। इस घोटाले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव समेत 56 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से कई आरोपियों की या तो मौत हो चुकी है या फिर सरकारी गवाह बन चुके हैं।

लालू को गंवानी पड़ी थी कुर्सी

चारा घोटाला सामने आने के बाद लालू प्रसाद यादव 1997 में पहली बार जेल गए, तो उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी ती। हालांकि, इसका उनकी पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का सीएम बना दिया था। आखिरी बार लालू प्रसाद यादव अक्टूबर 2013 में इस मामले में जेल गए थे, जब कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा लालू की लोकसभा सदस्यता छीन ली गई और उन पर 11 साल तक कोई भी चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया गया। हालांकि बाद इस मामले में बाद में लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। 

Created On :   10 Jan 2018 4:37 AM GMT

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